मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए लाया जा रहा नया विधेयक, इसके गुण-दोष से अधिक इस राष्ट्रीय चिन्ता के प्रति गंभीरता व इसे लाए जाने के समय को लेकर सरकार की नीति व नीयत दोनों पर शक व सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है।’
1. यूपी भाजपा सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण हेतु लाया जा रहा नया बिल, इसके गुण-दोष से अधिक इस राष्ट्रीय चिन्ता के प्रति गंभीरता व इसकी टाइमिंग को लेकर सरकार की नीति व नीयत दोनों पर शक व सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है।
— Mayawati (@Mayawati) July 13, 2021
2. अगर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर यूपी भाजपा सरकार थोड़ी भी गंभीर होती तो यह काम सरकार को तब ही शुरू कर देना चाहिये था जब इनकी सरकार बनी थी और फिर इस बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करती तो अब यहाँ विधानसभा चुनाव के समय तक इसके नतीजे भी मिल सकते थे।
— Mayawati (@Mayawati) July 13, 2021
3. यूपी व देश की जनसंख्या को जागरूक, शिक्षित व रोजगार-युक्त बनाकर उसे देश की शक्ति व सम्मान में बदलने में विफलता के कारण भाजपा अब कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की तरह ही जोर-जबरदस्ती व अधिकतर परिवारों को दण्डित करके जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती है जो जनता की नजर में घोर अनुचित।
— Mayawati (@Mayawati) July 13, 2021
इसके बाद से राजनीतिक दलों की इस पर लगातार प्रतिक्रिया आ रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाने के योगी सरकार के कदम को अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने की कोशिश करार देते हुए सोमवार को कहा कि जनसंख्या नियंत्रण जागरूकता के जरिये ही सम्भव है। चौधरी ने सोमवार को बलिया में अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए योगी सरकार के जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाने के कदम की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘योगी सरकार कानून व्यवस्था से लेकर महंगाई , रोजगार व हर मोर्चे पर विफल व पस्त हो गई है । योगी सरकार अब अपनी नाकामियों से आम लोगों का ध्यान हटाने के लिए जनसंख्या नियंत्रण विधेयक ला रही है।’
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार के प्रस्तावित कानून पर संदेह प्रकट करते हुए आरोप लगाया कि इसमें लोगों को सरकार की गंभीरता कम, चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है।