
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केन्द्र सरकार के अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) की जनगणना से इनकार करने पर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे भाजपा के चुनावी स्वार्थ की ओबीसी राजनीति का पर्दाफ़ाश होने के साथ ही उसके कथनी-करनी का अंतर भी उजागर हो गया।
बसपा प्रमुख ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘ केन्द्र सरकार द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर करके पिछड़े वर्गों की जातीय जनगणना कराने से साफ तौर पर इनकार कर देना, अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय है.. जो भाजपा के चुनावी स्वार्थ की ओबीसी राजनीति का पर्दाफाश करता है और उनकी कथनी व करनी में अंतर को उजागर करता है। सजगता जरूरी।’’
1. केन्द्र सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके पिछड़े वर्गों की जातीय जनगणना कराने से साफ तौर पर इन्कार कर देना यह अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय, जो भाजपा के चुनावी स्वार्थ की ओबीसी राजनीति का पर्दाफाश व इनकी कथनी व करनी में अन्तर को उजागर करता है। सजगता जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) September 24, 2021
उन्होंने कहा , ‘‘ एससी व एसटी (अनुसूचित जाति-जनजाति) की तरह ही ओबीसी वर्ग की जातीय जनगणना कराने की मांग भी पूरे देश में जोर पकड़ चुकी है…..’’ उन्होंने कहा कि केन्द्र का इससे इनकार करना समुदाय के लिए काफी दुखद है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय में एक शपथ पत्र दायर करके केन्द्र सरकार ने कहा है कि पिछड़े वर्गों की जातीय गणना प्रशासनिक रूप से कठिन है।