
लखनऊ। बसपा अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार की सोमवार को तीखी आलोचना की और गन्ने के मूल्य में वृद्धि को चुनावी स्वार्थ बताया।
बसपा प्रमुख ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, ‘भाजपा ने कल राज्य में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए जिनको भी मंत्री बनाया है, बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार नहीं करते क्योंकि जब तक वे अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे तब तक यहाँ चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी।’
1. बीजेपी ने कल यूपी में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए जिनको भी मंत्री बनाया है, बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार नहीं करते क्योंकि जब तक वे अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे तब तक यहाँ चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी।
— Mayawati (@Mayawati) September 27, 2021
मायावती ने कहा कि इन समुदायों के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये हैं बल्कि इनके हितों में बसपा की सरकार ने जो भी कार्य शुरू किये थे, उनमें से भी अधिकांश को बंद कर दिया गया। सरकार के इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
गौरतलब है कि रविवार को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में विस्तार करते हुए जितिन प्रसाद, पलटू राम, धर्मवीर प्रजापति, छत्रपाल गंगवार, संगीता बलवंत, संजीव कुमार गौड़ और दिनेश खटिक को मंत्री पद की शपथ दिलाई। प्रसाद को कैबिनेट मंत्री जबकि अन्य को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी।राज्य में जो सात नये मंत्री बने हैं उनमें से तीन का संबंध पिछड़ा वर्ग, तीन का दलित समुदाय और एक का ताल्लुक ब्राह्मण समुदाय से है।
वहीं गन्ने के मूल्य में वृद्धि पर पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा ‘ उत्तर प्रदेश सरकार पूरे साढ़े चार वर्षों तक यहाँ के किसानों की घोर अनदेखी करती रही व गन्ने का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया, मैंने सात सितम्बर को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में इस पर बोला था। अब चुनाव से पहले इनको गन्ना किसान की याद आई है जो इनके स्वार्थ को दर्शाता है।’
1.यूपी भाजपा सरकार पूरे साढ़े चार वर्षों तक यहाँ के किसानों की घोर अनदेखी करती रही व गन्ना का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया जिस उपेक्षा की ओर 7 सितम्बर को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में मेरे द्वारा इंगित करने पर अब चुनाव से पहले इनको गन्ना किसान की याद आई है जो इनके स्वार्थ को दर्शाता है।
— Mayawati (@Mayawati) September 27, 2021
मायावती ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘केन्द्र व राज्य सरकार की किसान-विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज काफी दुखी व त्रस्त है, लेकिन अब चुनाव से पहले खुद को बचाने के लिए गन्ने का समर्थन मूल्य थोड़ा बढ़ाना खेती-किसानी की मूल समस्या का सही समाधान नहीं। ऐसे में किसान इनके किसी भी बहकावे में आने वाला नहीं है।’