कुशीनगर: जाको राखे साइयां मार सके न कोई, यह शनिवार को एक बार फिर चरितार्थ हुआ। ये कहावत तो हमने सुनी ही होगी। इस खबर को पढ़कर आपको भी इस बात पर विश्वास हो जाएगा। मौत के बिल्कुल पास जाकर भी ये अपनी किस्मत से या कहें की अपनी यात्री मित्रों के कारण बच गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लौरिया थाना निवासी यादव लाल परिवारिक कलह के ऊब कर एक अधेड़ ने आत्महत्या का निर्णय ले लिया।
अपने परिवार का जीवकोपार्जन चलाने के लिए प्रदेश गया था। कठिन परिश्रम करने के बाद कमाये पैसों से अपने स्वजनों के साथ खुशी से पर्व मनाने घर वापस आ रहा था। खुशी खुशी गोरखपुर से बस पकड़ कर अपने गांव लौरिया जा रहा था। लेकिन फोन के माध्यम से बीवी से रास्ते मे बात करते करते किसी बात के कारण आपस मे अनबन हो गया। उसने मन ही मन खुशी से पर्व मनाने की जगह अपनी ज़िंदगी खत्म करने की मन बना लिया। यूपी बिहार सीमा से चार किमी पर खिरकिया माता का मंदिर है।
मंदिर के बगल से झरही नाला बहता है। जिसपर बना पूल सकरा व जर्जर हो गया है। जिसके कारण आये दिन पूल पर गाड़ियों का जाम लग जाता है। राय बंधु बस से यादव लाल भी घर लौट रहा था, वो बस जाम के कारण पूल के पास जाम में रुक गया। परिवारिक कलह के ऊब कर यादव लाल फट से बस से निचे उतरा और नदी के किनारे पास के पेड़ पर चढ़ कर अपने गमछे में फ़सरी लगा कर लटक गया। परंतु होनी को कुछ और मंजूर था। उसको फ़सरी पर लटकता देखकर उसके साथ आ रहे उसके गांव के यात्री मित्र आनन-फानन में उसे बचाने का प्रयास शुरू कर दिया गया।
गांव के युवक फट से बगल दुकानदार से आरी लेकर पेड़ पर चढ़कर गमछी के फ़सरी को काटने लगे। फिर जिसके कारण वो झरही के पानी मे नीचे गिर पड़ा। ये देखकर लोगो की मौके पर भीड़ जूट गई। अधेड़ को पानी से निकालकर बाहर लाया गया। पानी से निकालने के बाद उसकी हालत नाजूक बनी हुई थी। उसके गांव के यात्री मित्र घायल अवस्था मे यादव लाल को लेकर पडरौना जिला अस्पताल इलाज के लिए ले गए।
इतनी जल्दी फ़सरी लगाया कि राहगीर ये देखकर सन रह गए। घटना के बाद वहां मौजूद लोगों के बीच चर्चा है कि भगवान ना चाहे तो कोई लाख जतन कर ले लेकिन अपना प्राण नहीं त्याग सकता है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया की पहले फ़सरी लगाया, फ़सरी से बचने के बाद पानी मे गिरा लेकिन उसकी जान बच गया।
(अखिलेश ब्याहुत की रिपोर्ट)