भाजपा सरकार में जाति आधार पर हो रही कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़नः छेदीलाल प्रजापति ‘निराला’


पिछले दो सालों के दौरान कुम्हार समुदाय के लोगों के साथ हुई 15 घटनाओं में ही 19 लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है।



लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़न को लेकर प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) के प्रमुख छेदीलाल प्रजापति ‘निराला’ ने आज उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता की। विधानसभा घेराव को विफल करने के लिए यूपी सरकार और प्रशासन पीएस 4 के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और लखनऊ आने वाले कुंभारों को आज सुबह से अवैध हिरासत में ले रही है। मीरजापुर में रमेश चंद्र प्रजापति उर्फ पप्पू को सुबह से ही कोतवाली में बैठाए हुए है।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार के दौरान कुम्हार समुदाय के लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं। पिछले साढ़े चार सालों के दौरान उत्तर प्रदेश में कुम्हार समुदाय के करीब 60 लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। पिछले दो सालों के दौरान कुम्हार समुदाय के लोगों के साथ हुई 15 घटनाओं में ही 19 लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है।

ये घटनाएं यह बताती हैं की भाजपा की योगी सरकार में जाति आधार पर कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़न किया जा रहा है। पीड़ित परिवारों की बार-बार लिखित शिकायतों के बाद भी ना ही संगत धाराओं में एफआईआर दर्ज किया जा रहा है और ना ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है।

अब तो पुलिस संरक्षण में ही कुम्हारों की हत्या कर दी जा रही है। लखनऊ जिला जेल में रुपेश कुमार प्रजापति की हत्या और गोरखपुर में फर्जी पुलिस मुठभेड़ में विजय प्रजापति की हत्या ऐसे ही उदाहरण हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश में कुम्हार समुदाय के लोगों की हुई हत्या और उत्पीड़न की सभी घटनाओं की जांच उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में या सीबीआई से उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि एक साल पहले मैनपुरी में कुम्हार समुदाय के एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा फूंक दिया गया लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सत्ताधारी और विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के मुखियाओं के मुख से संवेदना के एक शब्द नहीं निकले।

कुम्हार समुदाय के लोगों द्वारा डेढ़ महीने तक आंदोलन चलाने के बाद सत्ताधारी भाजपा की सरकार ने पीड़ित परिवार को महज पांच लाख रुपये दिए। जबकि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने ब्राह्मण और बनिया समुदाय के एक व्यक्ति की हत्या होने पर उनके परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और समूह ‘क’ की नौकरी दी।

हत्या जैसे संगीन मामले में भी भाजपा सरकार जाति आधार पर पीड़ितों की सहायता और न्याय में भेदभाव कर रही है। मैनपुरी मामले ही में आज तक ठाकुर समुदाय के आरोपी के खिलाफ ना ही कोई मुकदमा लिखा गया और ना ही उसकी गिरफ्तारी की गई जबकि पीड़िता ने मरने से पहले कैमरे के सामने खुद उसका नाम लिया था। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के केराकतपुर गांव में प्लंबर कन्हैयालाल प्रजापति की दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई।

हत्या में शामिल ठाकुर(भूमिहार) जाति का एक आरोपी आज तक गांव में खुला घूम रहा है। जिला प्रशासन ने बंदूक की नोंक पर कन्हैयालाल प्रजापति के शव का अंतिम संस्कार करा दिया। उस समय प्रशासन ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये और मृतक की पत्नी को आंगनबाड़ी की नौकरी देने का वादा किया था जिसे उसने आज तक पूरा नहीं किया। गोरखपुर में पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में विजय प्रजापति की हत्या कर दी लेकिन ठाकुर और ब्राह्मण समुदाय के आरोपियों को कुछ नहीं किया।

उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास विभाग के पूर्व अतिरिक्त निदेशक डॉ. वरदानी प्रजापति ने पत्रकारों को बताया कि लखनऊ जिला कारागार में बंद विचाराधीन कैदी रुपेश कुमार प्रजापति की हत्या पुलिस के संरक्षण में कर दी गई लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई दंडनात्मक कार्रवाई नहीं की। पीड़ित परिवार की तहरीर पर एफआईआर तक नहीं लिखी गई।

जेल प्रशासन कह रहा है कि रुपेश ने आत्महत्या की है जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर आठ से ज्यादा चोटों के निशान हैं। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति पर चोटों के निशान कहाँ से आए? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि उसके गले की नसें सामान्य थीं जबकि आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के गले की नसें टूटी मिलती हैं। इसलिए रुपेश की हत्या की जांच सीबीआई से या उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में एक कमेटी द्वारा की जानी चाहिए।

ऐसे ही कुम्हार समुदाय के लोगों की हत्या, उत्पीड़न और बलात्कार के हजारों मामले हैं जिसमें उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जाति देखकर कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की। वहीं, ब्राह्मण और बनिया जाति के लोगों की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार को 40 लाख रुपये का मुआवजा और मृतक की पत्नी को समूह ‘क’ की नौकरी दे दी और आरोपियों के खिलाफ बिना किसी न्यायिक फैसले के ‘ठोक दो’ नीति के तहत मौत के घाट उतार दिया।

कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़न के मामले में विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने भी न्याय के लिए कोई आवाज़ नहीं उठाई और ना ही आंदोलन किया। ऐसे में सत्ता और ऊंची जातियों से कुम्हार समुदाय के लोगों की सुरक्षा का सवाल खड़ा हो गया है। इसे हम सभी को मिलकर हर हाल में रोकना होगा और कुम्हार समुदाय के पीड़ितों को न्याय दिलाना होगा। कुम्हार समुदाय के लोगों की हत्या, उत्पीड़न और बलात्कार के आरोपियों को जेल भेजना होगा।

प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) प्रमुख ने बताया कि पीएस4 ने कुम्हार समुदाय के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कल (26 नवम्बर) को लखनऊ में चार सूत्री मांगों के साथ विधानसभा के घेराव का आह्वान किया है।

जिसमें (1) उत्तर प्रदेश में कुम्हारों की हत्या और उत्पीड़न के सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने, (2) उत्तर प्रदेश में कुम्हारों की हत्या, उत्पीड़न और बलात्कार की घटनाओं की जांच उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में कराने, (3) लखनऊ जिला जेल में रुपेश कुमार प्रजापति की हत्या और गोरखपुर में विजय कुमार प्रजापति के फर्जी पुलिस एनकाउंटर की सीबीआई जांच कराने और (4) उत्तर प्रदेश में कुम्हारों के लिए हुए पट्टे की जमीनों से अवैध कब्जा हटाने की मांग प्रमुख रूप से शामिल है।

पीएस4 और कुम्हार समुदाय के लोगों की ओर से कल होने वाले विधानसभा घेराव को प्रजापति अंतरविश्वविद्यालयी विद्यार्थी (PIUS) समूह, अखिल भारतीय प्रजापति (कुम्भकार) महासंघ उत्तर प्रदेश, कुम्हार (प्रजापति) अधिकार शौर्य संगठन मिर्जापुर, कुम्हार महासभा राजस्थान और रिहाई मंच का समर्थन भी मिला है।

कुम्हार समुदाय के सभी लोगों समेत न्याय पसंद जनता से प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) आह्वान करता है कि ‘उत्तर प्रदेश विधानसभा घेराव’ कार्यक्रम में आप सभी लोग अधिक से अधिक संख्या में व्यक्तिगत तौर पर या फिर संगठनों के बैनर तले शामिल होकर कुम्हार समुदाय के पीड़ितों को न्याय दिलाने की कष्ट करें ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके।

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में वंचित समुदायों (एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और महिला) के लोगों की लगातार हत्या हो रही है। जाति के आधार पर लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन की हिरासत में लोगों की हत्या हो रही है।

यह आह्वान पीड़तों को न्याय दिलाने का आह्वान है। रिहाई मंच हमेशा पीड़ितों और न्याय के साथ खड़ा रहेगा। प्रेस वार्ता में रिहाई मंच नेता अधिवक्ता काशिफ यूनुस भी शामिल रहे। प्रेस वार्ता के दौरान पीएस 4 महासचिव राजेश प्रजापति, पीएस 4 संरक्षक चेखुर प्रसाद प्रजापति, सत्यवीर प्रजापति, रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, मंसाराम राजभर मौजूद रहे।



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