अयोध्या। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को दावा किया कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों के साथ ठगी हुई है और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को चुनौती दी कि इस मुद्दे पर वह सार्वजनिक बहस करें।
उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मुस्लिम बहुल रूदौली विधानसभा क्षेत्र के रसूलाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने मुस्लिमों से आग्रह किया कि किसी के साये में नहीं रहें। सपा प्रमुख पर हमला करते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने हमेशा मुस्लिमों में भय पैदा किया है।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, ‘‘19 प्रतिशत (मतदाताओं का) मुस्लिम हैं और नौ प्रतिशत यादव हैं, लेकिन मुख्यमंत्री आपका (यादव कुल का) होगा और हमें (मुसलमानों को) चपरासी की नौकरी भी नहीं मिलेगी।’’
रूदौली के सपा नेता रूशदी मियां का नाम लिए बगैर ओवैसी ने पूछा, ‘‘सपा के मुसलमान उम्मीदवार चुनाव क्यों हार गए और भाजपा का यादव उम्मीदवार जीत गया। इसका मतलब है कि यादव मुसलमानों को वोट नहीं देते।’’ मियां 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार राम चंदर यादव से हार गए थे।
इससे पहले दिन में जेल में बंद गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनकी पत्नी लखनऊ में ओवैसी की मौजूदगी में एआईएमआईएम में शामिल हुए। ओवैसी ने समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अहमद और उनकी पत्नी को पार्टी में शामिल करते हुए दावा किया कि सपा और बहुजन समाज पार्टी ने अपने दलों में मुसलमानों को गुलाम की तरह इस्तेमाल किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख पर प्रहार करते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों को धोखा दिया गया है। उन्होंने यहां की रैली में कहा, ‘‘अयोध्या के मुसलमान बाबरी मस्जिद ध्वंस के बारे में बात कर शर्मिंदगी या डर क्यों महसूस करें। सभी राजनीतिक दलों ने मुसलमानों और दलितों का शोषण किया है। हमारी पार्टी हर घर में मजलिस करेगी।’’