
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दिल्ली-देहरादून हाईवे पर पंडितजी वैष्णों ढाबा विवादों में आने के बाद बंद कर दिया गया है। ये ढाबा उस वक्त सुर्खियों में आया था जब स्वामी यशवीर जी महाराज के समर्थकों ने एक कर्मचारी के कपड़े उतरवार उसकी चैकिंग की कोशिश की थी। इस कर्मचारी ने अपना नाम गोपाल बताया लेकिन बाद में इसका नाम असली नाम तजम्मुल सामने आया।
कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले इस होटल को लेकर जो विवाद हुआ उसके बाद यहां ग्राहकों ने आना कम कर दिया था। काम नहीं होने की वजह से अब इस ढाबे को बंद करना पड़ा है। होटल मैनेजर सुनील शर्मा ने बताया कि होटल के मालिक ने स्टाफ को बदलकर सभी हिंदू कर्मचारियों को रखा था, जिसके बाद होटल में लगा बारकोड भी चेंज कर दिया था। लेकिन फिर भी होटल पर काम नहीं आया। जिसकी वजह से स्टाफ का खर्चा निकालना तक मुश्किल हो गया था।
मैनेजर सुनील शर्मा ने कहा कि हमारा पांच लोगों का स्टाफ है 1000-1500 के करीब हमारा खाना खर्चा हो जाता है। लेकिन अब हमारी कोई दुकानदारी नहीं हो पाएगी। हम लेबर का खर्चा कहां देंगे, यहां का रेंट कैसे देंगे? कर्मचारियों की चार-चार दिन की दिहाड़ी हो गई है। सुबह से बैठे हैं एक कप चाय नहीं बेची है। यहां पर जो मजदूर हैं इनकी दिहाड़ी क्या यशवीर महाराज देंगे या मीडिया दे देगी।
यशवीर महाराज तो खुश हैं उनकी तो पब्लिसिटी हो रही है, उनकी रोटी तो सिक रही है। हमारी रोटी कौन देगा। यहां कोई मुस्लिम कर्मचारी नहीं है, मैडम ने पहले ही हटा दिया था। मैनेजमेंट अभी 2 दिन से मेरे पास में आया है लेकिन 2 दिन से मैंने भी परेशान हो कर काम बंद कर दिया है। सभी कर्मचारी यहां हिंदू हैं हमें दिशा निर्देश दिए गए थे कि स्टाफ हिंदू रहे महाराज खुद कह रहे थे कि अपनी आईडी दे दो और होटल खुद चला लो। हम यह चाहते हैं कि हमें परेशान ना किया जाए।
बता दें कि इस होटल पर पहले धर्मेंद्र कुमार नाम का होटल मैनेजर था और बारकोड भी मुस्लिम नाम से था। लेकिन, होटल मालिक दीक्षा शर्मा उसके पार्टनर सनव्वुर खान, आदिल खान, जुबेर और एक अज्ञात ने मैनेजर धर्मेंद्र की पिटाई कर उसे होटल से इसलिए निकाल दिया था क्योंकि उसने स्वामी यशवीर जी की टीम और मीडिया कर्मियों को यह जानकारी दी थी कि यह होटल मुस्लिम व्यक्ति का है और इस पर 80% स्टाफ भी मुस्लिम है। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में होटल मालिक दीक्षा शर्मा और उनके सहयोगियों समेत एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।