उन्नाव : धरने पर बैठे लोग, पुलिस ने परिवारवालों को किया नजरबंद-मीडिया के जाने पर भी रोक


लोगों को इस बात का अंदेशा है कि कहीं हाथरस कांड की तरह पुलिस इस बार किशोरियों के शवों का अंतिम संस्कार न कर दे। पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों के बयान दर्ज किए हैं। उधर, इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साध रहा है।


Ritesh Mishra Ritesh Mishra
उत्तर प्रदेश Updated On :

उन्नाव। यूपी का उन्नाव जिला एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से महज कुछ ही किलोमीटर दूर उन्नाव में बुधवार को संदिग्ध हालत में दुपट्टे से बंधी मिली तीन नाबालिग किशोरियों में से दो की मौत हो चुकी है। मृतक मिली किशोरियां आपस में बुआ-भतीजी हैं। इस घटना को लेकर बबुरहा गांव के लोग बृहस्पतिवार को धरने पर बैठ गए। इस धरने में उनका बसपा और सपा का साथ मिला। ग्रामीणों का आरोप है कि घटना के बाद से पुलिस ने किशोरियों के परिवारवालों को नजरबंद कर दिया है और वहां किसी को जाने की इजाजत नहीं है।

घटना ने एक बार फिर से सबको शर्मसार कर दिया है। तीसरी किशोरी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। इस घटना के बाद सकते में आई पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल को कब्जे में ले लिया है। इसके साथ ही पीड़ित परिवार को नजर बंद कर दिया है और किसी को भी बात करने की अनुमति नहीं है। मीडिया को भी वहां नहीं जाने दिया जा रहा है। पुलिस ने प्रथम दृष्ट्या में जहरीला पदार्थ खाने से हालत बिगड़ने की आशंका जताई है।

हाथरस की घटना के बाद जो कुछ हुआ उसको लेकर पुलिस और जिला प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है। वहीं, सोशल मीडिया पर उन्नाव की बेटियों को न्याय दिलाने को लेकर एक कैम्पेन चलाया जा रहा है। #Save_Unnao_Ki_Beti के नाम से चलाए जा रहे अभियान में अब तक लाखों लोग ट्वीट कर चुके हैं पर हैरान करने वाली बात ये है कि अभी तक यूपी सरकार की ओर से कार्रवाई को लेकर कोई ट्वीट नहीं किया गया है। पूर्व सीएम मायावती और अखिलेश यादव ने भी घटना को लेकर अभी तक कोई ट्वीट नहीं किया।

असोहा थाना क्षेत्र के गांव में सुबह सपा व बसपा के नेता और कार्यकर्ता पहुंच गए। सपा जिला उपाध्यक्ष सुनील रावत, बसपा जिला सचिव जय नारायण गौतम के साथ कार्यकर्ताओं ने मृतक किशोरियों के स्वजन को छोड़ने की मांग की। पुलिस पिता व भाई से थाने में बिठाकर पूछताछ कर रही है। इसे लेकर सपाइयों ने स्वजन को तत्काल छोड़ने की मांग की और पीड़ित परिवार के घर के निकट धरने पर बैठ गए। बसपा जिला सचिव जय नारायण गौतम ने स्वजन व मीडिया की मौजूदगी में शवों का पोस्टमार्टम कराने और अंतिम संस्कार कराने की मांग किया।

लोगों को इस बात का अंदेशा है कि कहीं हाथरस कांड की तरह पुलिस इस बार किशोरियों के शवों का अंतिम संस्कार न कर दे। इस मामले में पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों के बयान दर्ज किए हैं और मामले की गहराई से जांच में जुट गई है। उधर, इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साध रहा है। पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल को कब्जे में ले लिया है। यहां तक कि मीडिया के लोगों को भी आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।

आईजी लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में जांच पड़ताल चल रही है। बताया जाता है कि पुलिस को यह जानकारी हुई है कि मामला बहुत ही गंभीर है। ऐसे में पुलिस किसी भी तरह का जोखिम मोल नहीं लेना चाहती है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई टीमों का गठन कर दिया है। आईजी का दावा है कि जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा। अभी इस प्रकरण में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है।

असोहा थाना क्षेत्र के गांव में बुआ-भतीजी की मौत व एक किशोरी के गंभीर घायल होने की घटना ने लोगों को झकझोर दिया है। पूरी रात की पड़ताल और पूछताछ के बाद पुलिस को घटना में अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस किशोरियों के परिवारवालों से पूछताछ कर रही है। पूरी रात गांव में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर डटे रहे तो डीएम और एसपी ने गांव जाकर गहनता से पड़ताल की। बृहस्पतिवार की सुबह बसपा और सपा के नेताओं ने पीड़ित पक्ष के घर के बाहर धरना देते हुए पुलिस से स्वजन को छोड़े जाने की मांग शुरू कर दी है।

हालांकि उन्नाव के असाेहा में हुई घटना को शासन ने गंभीरता से लिया है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी बुधवार की रात भर अलर्ट रहे। रात में घटनास्थल पर पहुंची आइजी लक्ष्मी सिंह और फिर एडीजी जोन एसएन साबत ने छानबीन और पूछताछ करने के बाद थाने का रुख किया। इसके बाद देर रात दोनों अधिकारी डीएम रवींद्र कुमार और एसपी आनंद कुलकर्णी के साथ गांव पहुंचे।

पीड़ित परिवार व ग्रामीणों से रातभर पूछताछ चली। एडीजी जोन और आइजी रेंज के लखनऊ चले जाने के बाद एसपी सुबह करीब छह बजे फिर से घटनास्थल पर पहुंच गए। वह टीम के साथ घटनास्थल का फिर से निरीक्षण कर रहे हैं। पुलिस टीम खेतों में गेंहूं की फसल खड़ी होने की वजह से फसल का भी ध्यान रख रही है कि खराब न हो सके और साक्ष्य मिल जाएं।

घायल किशोरी की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। सूत्रों की मानें तो पुलिस अफसरों को घटना में कई अहम सुराग मिले हैं, हालांकि अधिकारी अभी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। एसपी ने बताया कि घटना की जांच अभी प्राइमरी स्टेज पर है। मृतक किशोरियों का पोस्टमार्टम होने के बाद रिपोर्ट से काफी स्थिति स्पष्ट होगी। घटना की जांच के लिए छह टीमें बनाई गई हैं। इसके अलावा एसओजी और क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया है।

तीसरी बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रद्रेश के उन्नाव में दो लड़कियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने और एक लड़की के बेसुध पाए जाने की घटना को ‘‘दिल दहला देने वाली’’ करार दिया और कहा कि तीसरी लड़की को उपचार के लिए दिल्ली पहुंचाया जाए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘उन्नाव की घटना दिल दहला देने वाली है। लड़कियों के परिवार की बात सुनना एवं तीसरी बच्ची को तुरंत अच्छा इलाज मिलना जांच – पड़ताल एवं न्याय की प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है।’’

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, ‘‘खबरों के अनुसार पीड़ित परिवार को नजरबंद कर दिया गया है। यह न्याय के कार्य में बाधा डालने वाला काम है। आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्या हासिल होगा ?’’ प्रियंका ने कहा, ‘‘उप्र सरकार से निवेदन है कि परिवार की पूरी बात सुनें एवं त्वरित प्रभाव से तीसरी बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए।’’

बॉलीवुड अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने उन्नाव मामले में ट्वीट किया कि उन्नाव को हाथरस नहीं बनाने दिया जाएगा। ऋचा ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। ट्वीट किया कि पृथ्वी पर स्वर्ग और नरक मौजूद हैं और उन्नाव महिलाओं के लिए नरक है, विशेष रूप से उनमें से सबसे कमजोर। उस लड़की के लिए प्रार्थना जो उसके जीवन के लिए जूझ रही है। उन्नाव हाथरस नहीं होगा।



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