विकास दुबे के गांव में पुलिस का कड़ा पहरा


दुबे की मौत को लेकर गांव के लोग कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। लोग अपने घरों के अंदर हैं और वे पूरे घटनाक्रम पर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

कानपुर। गैंगस्टर विकास दुबे की एसटीएफ से कथित मुठभेड़ में मौत के बाद उसके गांव बिकरू में कड़ी सुरक्षा चौकसी बरती जा रही है। गांव में जमींदोज किए जा चुके दुबे के घर के आस-पास करीब 60 पुलिसकर्मियों का कड़ा पहरा है। उनमें से ज्यादातर एक नीम के पेड़ के नीचे चारपाई डाल कर बैठे हैं। मकान के खंडहर के पास एक टूटा हुआ बेसबॉल बैट, क्षतिग्रस्त ट्रैक्टर कार और मोटरसाइकिल देखी जा सकती हैं।

दुबे की मौत को लेकर गांव के लोग कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। लोग अपने घरों के अंदर हैं और वे पूरे घटनाक्रम पर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। पीटीआई-भाषा संवाददाता ने सोमालू नामक एक अधेड़ से दुबे की मुठभेड़ में मौत के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह एक मजदूर है और पड़ोस के गांव में रहता है। इस सवाल पर कि क्या कभी दुबे ने उसकी कोई मदद की थी उसने कहा “नहीं”।

बिकरू वही गांव है जहां पिछली दो-तीन जुलाई की मध्य रात्रि को दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमलावरों ने उसके मकान की छत से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी। उस दुस्साहसिक वारदात में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे तथा छह अन्य घायल हो गए थे। वारदात के अगले दिन पुलिस ने दुबे के मकान को ध्वस्त करा दिया था।



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