अदालत ने कहा, “यहां तक कि चेन छिनैती करने वाले लोग महिलाओं को निशाना बनाने के लिए निरंतर शहर में घूम रहे हैं जिससे महिलाओं में डर पैदा हो गया है और उन्होंने सोने के आभूषण पहनना बंद कर दिया है।”
अदालत ने कहा, “इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेने की जरूरत है जिससे अपराधियों में मन में भय पैदा हो और महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करें क्योंकि ऐसी घटनाएं ना केवल आतंक पैदा करती हैं, बल्कि महिलाओं को घर से बाहर निकलने से रोकती हैं।”
न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने कानपुर नगर के अमित नाम के व्यक्ति की जमानत याचिका 29 जून को खारिज करते हुए कहा, “निःसंदेह आरोपी के अधिकार महत्वपूर्ण हैं, लेकिन साथ ही समाज को सही संदेश भेजना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अपराधी को अनुचित सहानुभूति से न्याय व्यवस्था को अधिक नुकसान होगा।”
इस मामले में शिकायतकर्ता पुष्पा देवी ने चार अक्तूबर, 2020 को कानपुर नगर के पनकी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी और दो अज्ञात लोगों पर सोने की चेन छीनने का आरोप लगाया था। बाद में पुलिस ने अमित को उसके साथी के साथ गिरफ्तार किया और महिला से लूटी गई सोने की चेन बरामद की।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि पुलिस ने उनके मुवक्किल को पकड़ने के बाद छह मामलों में उसे झूठा फंसा दिया।
हालांकि, सरकारी वकील ने जमानत याचिका का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की चेन छीनने की आदत है और मौजूदा मामले के अलावा 17 मामलों का उसका लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि यदि उसे जमानत दी जाती है तो वह इसी तरह के अपराध में फिर से लिप्त हो जाएगा।
प्रयागराज। चेन छिनैती के एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है, चेन छिनैती की बढ़ती घटनाएं गंभीर चिंता का विषय है और इस घटना के भय से कई महिलाएं घर से बाहर निकलने से परहेज करती हैं।