1 जून को प्राइवेट स्कूलों के फीस वसूली के मामले की सुनवाई करेगा इलाहाबाद हाईकोर्ट


कोरोना संकट के कारण लागू लाॅकडाउन के दौरान यूपी सरकार ने प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों से मौजूद सत्र में फीस न बढ़ाने का आदेश जारी किया है। लेकिन निजी स्कूलों पर सरकार के आदेश का अनदेखा किए जाने का आरोप लगा है। निजी स्कूलों में बढ़ी फीस वसूले जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट एक जून को सुनवाई करेगा।



प्रयागराज। कोरोना संकट के कारण लागू लाॅकडाउन के दौरान यूपी सरकार ने प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों से मौजूद सत्र में फीस न बढ़ाने का आदेश जारी किया है। लेकिन निजी स्कूलों पर सरकार के आदेश का अनदेखा किए जाने का आरोप लगा है। निजी स्कूलों में बढ़ी फीस वसूले जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट एक जून को सुनवाई करेगा।

कोर्ट ने सुनवाई से संबंधित वेब लिंक पक्षकारों के वकीलों को भेजने का निर्देश दिया है। ताकि दोनों पक्षों के अधिवक्ता और इस मामले में नए पक्षकार बने अधिवक्ता वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपना पक्ष रख सके। फीस संबंधी याचिका पर न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की पीठ सुनवाई कर रही है। बता दें कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता आदर्श भूषण ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि सरकार के निर्देश के बावजूद तमाम निजी स्कूल अभिभावकों पर बढ़ी हुई फीस जमा करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। कुछ स्कूलों ने तो फीस जमा की अंतिम तिथि तक घोषित कर दी है और अभिभावकों से कहा जा रहा है कि अपने बच्चे का दाखिला जारी रखने के लिए निर्धारित तिथि से पहले फीस जमा कर दें। जबकि सरकार ने निर्देश दिया है कि लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे। कोई भी स्कूल अन्य किसी मद में फीस की वसूली नहीं करेगा।

याचिका में यह भी कहा गया है कि कई जिलों के जिलाधिकारियों ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है कि निजी स्कूल किसी भी सूरत में अधिक फीस की वसूली न करें।मगर प्रयागराज में ऐसा नहीं है और निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस वसूलने के लिए दबाव डाल रहा है. कोर्ट ने इस मामले में 1 जून की तिथि नियत करते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि दोनों पक्षों के वकीलों की मांग के अनुसार उनको वीडियो कांफ्रेंसिंग से अपना पक्ष रखने के लिए जरूरी लिंक उपलब्ध करा दिया जाए।