“उत्तर प्रदेश में किसानों की खुशहाली में बड़ी भूमिका निभाएगा FPO”

सिंह ने कहा कि किसानों के संगठित होकर खेती करने से उत्पादन लागत में कमी आती है और केंद्र एवं राज्य सरकार की कृषि योजनाओं के तहत एफपीओ को बढ़ावा देने का उद्देश्य बीज से बाजार तक की सुविधा एफपीओ के जरिए किसानों को उपलब्ध कराने की है।

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में कृषक उतपादक संगठन (एफपीओ) की संख्या बढ़कर 526 पहुंचने पर खुशी जाहिर करते हुए संयुक्त कृषि निदेशक (ब्यूरो) राजेंद्र कुमार सिंह ने यहां आयोजित किसान मेले में कहा कि एफपीओ प्रदेश के किसानों की खुशहाली में बड़ी भूमिका निभाएगा।

सिंह ने कहा कि किसानों के संगठित होकर खेती करने से उत्पादन लागत में कमी आती है और केंद्र एवं राज्य सरकार की कृषि योजनाओं के तहत एफपीओ को बढ़ावा देने का उद्देश्य बीज से बाजार तक की सुविधा एफपीओ के जरिए किसानों को उपलब्ध कराने की है।

उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि प्रत्येक विकास खंड में 2021 तक कम से कम एक एफपीओ गठित हो जाए। किसानों की आय दोगुनी करने में यह अहम भूमिका निभाएगा।”

उन्होंने बताया कि प्रयागराज के 23 विकास खंडों में वर्तमान में 32 एफपीओ काम कर रहे हैं, जबकि प्रयागराज मंडल (प्रयागराज, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशांबी) में 56 एफपीओ काम कर रहे हैं। इन किसान मेलों से किसान अपनी प्रतिभा दिखाने को प्रेरित हो रहे हैं और साथ ही एफपीओ बनाने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस मेले में लगभग 3500 किसानों के डेटा सही किए गए जिससे अन्य किसानों की तरह वे भी प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के तहत किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून में जो तीन घटक दिए गए हैं चाहे ठेका खेती हो, चाहे एक देश एक बाजार की बात हो या फिर आवश्यक वस्तु अधिनियम की बात हो, ये तीनों घटक किसानों के लिए बहुत उपयोगी हैं और इनके लागू होने से बिचौलियों की संख्या भी न्यूनतम हो जाएगी।

First Published on: February 4, 2021 1:11 PM
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