कानपुर/प्रयागराज(उप्र)। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द शुक्रवार शाम विशेष प्रेसिडेंशियल ट्रेन से अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर कानपुर पहुंचे। एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति कोविंद को लेकर आई विशेष रेलगाड़ी के कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचते ही उनका भव्य स्वागत किया गया।
Governor of Uttar Pradesh Smt Anandiben Patel and Chief Minister Yogi Adityanath receiving President Kovind on his arrival at Kanpur Central Railway Station. pic.twitter.com/udQ2V4dsFn
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 25, 2021
लखनऊ में जारी एक सरकारी बयान के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कानपुर नगर आगमन पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर अंगवस्त्र भेंट कर उनका स्वागत किया।
रेलवे के मुताबिक राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद शुक्रवार को शाम 8:05 बजे विशेष प्रासिडेशियल ट्रेन से कानपुर पहुंचे। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डाक्टर शिवम शर्मा के मुताबिक, राष्ट्रपति के दिल्ली से उनके पैतृक गांव जाने के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाई गई। राष्ट्रपति शाम छह बजे झिंझक स्टेशन पहुंचे जहां उनका स्वागत महाप्रबंधक एनसीआर वी.के. त्रिपाठी ने किया।
स्टेशन पर राष्ट्रपति ने अपने पुराने मित्रों और करीबी परिचितों से मुलाकात की। शाम 6:41 बजे ट्रेन झिंझक से रवाना हुई और शाम 6:56 बजे रूरा स्टेशन पहुंची जहां राष्ट्रपति ने आगंतुकों से मुलाकात की।राष्ट्रपति की ट्रेन यात्रा के दौरान सुनीत शर्मा, सीईओ और सीआरबी रेलवे बोर्ड उनके साथ उपस्थित रहे।
कानपुर आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक राष्ट्रपति कोविंद कानपुर देहात जिले में अपने पैतृक गांव परौंख का दौरा करेंगे। वह रविवार को परौंख गांव में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। 28 जून को वह विशेष रेलगाड़ी से ही लखनऊ जाएंगे।राष्ट्रपति शुक्रवार दोपहर को कानपुर के लिए दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से विशेष ट्रेन में सवार हुए थे।
बयान के अनुसार राष्ट्रपति की पहली ट्रेन यात्रा के दौरान उनके स्वागत के लिए मार्ग के स्टेशनों को सजाया गया था। कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने बताया कि विशेष ट्रेन कानपुर देहात के झिंझक और रूरा स्टेशनों पर रुकी, जहां राष्ट्रपति ने अपने करीबी और पुराने परिचितों से बातचीत की। इन स्टेशनों पर राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया गया।
इससे पहले राष्ट्रपति भवन ने कहा था कि ट्रेन में सवार होने के साथ ही राष्ट्रपति अपनी पुरानी स्मृतियों को ताजा करेंगे, जिनमें उनके बचपन से लेकर देश के शीर्ष संवैधानिक पद तक पहुंचने तक का सात दशक का जीवनकाल शामिल होगा। 15 साल के अंतराल के बाद कोई मौजूदा राष्ट्रपति ट्रेन से यात्रा कर रहा हैं।
इससे पहले 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के कैडेट्स की पासिंग आउट परेड में शामिल होने के लिए एक विशेष ट्रेन से दिल्ली से देहरादून के लिए रवाना हुए थे।
राष्ट्रपति भवन के अनुसार, रिकॉर्ड बताते हैं कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कई बार ट्रेन से सफर किया था। राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, उन्होंने बिहार की यात्रा के दौरान अपने जन्म स्थान सिवान जिले में जीरादेई का भ्रमण किया था। वह राष्ट्रपति की विशेष ट्रेन से छपरा से जीरादेई पहुंचे, जहां उन्होंने तीन दिन बिताए थे। उन्होंने ट्रेन से पूरे देश की यात्रा की थी।
डॉ. प्रसाद के बाद अन्य राष्ट्रपति भी देश के लोगों के साथ जुड़ने के लिए ट्रेन से सफर को प्राथमिकता देते रहे। राष्ट्रपति कोविंद राज्य की राजधानी लखनऊ की अपनी दो दिवसीय यात्रा के लिए 28 जून को कानपुर सेंट्रल स्टेशन से ट्रेन से रवाना होंगे। 29 जून को, वह एक विशेष विमान से नई दिल्ली लौट आएंगे।
वहीं, रेलवे ने कहा कि राष्ट्रपति के निर्देश पर राष्ट्रपति सलून सेवा को बंद कर दिया गया था जो आजादी के बाद से उपयोग में रही थी। उत्तर रेलवे के बयान के अनुसार, इससे करदाताओं के करोड़ों रूपये बचाये गए जो सालाना सलून के रखरखाव आदि में खर्च होते थे। कोविड के बाद जब देश स्थिति से उबरने में जुटा तब भारतीय रेलवे ने राष्ट्रपति से इस लोक परिवहन से यात्रा करने का अनुरोध किया।
रेलवे ने कहा कि राष्ट्रपति की दिल्ली से उनके पैतृक गांव में यात्रा के लिये विशेष ट्रेन सेवा संचालित की गई।