प्रयागराज। उम्रकैद की सजा पाने के बाद फरार हुए कैदी की सोशल मीडिया पर सक्रियता को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए प्रमुख सचिव गृह से दोषी बदन सिंह बद्दो की गिरफ्तारी के लिए किए जा रहे प्रयासों से जुड़ी संपूर्ण जानकारी मांगी है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 नवंबर तय की है।
मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की पीठ ने अभिषेक सोम नाम के व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में बताया गया कि आजीवन कारावास की सजा पाने वाला बदन सिंह बद्दो 28 मार्च, 2019 को हिरासत से भाग गया, लेकिन उसे गिरफ्तार करने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
याचिकाकर्ता ने इस तथ्य के समर्थन में कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत किए कि वह नियमित रूप से अपने सोशल मीडिया पेज चला रहा है। याचिका में यह भी बताया गया कि भगोड़े बदन सिंह बद्दो के राजनीतिक संबंध हैं और इसी वजह से उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि भगोड़े बदन सिंह बद्दो को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष कार्यबल का गठन किया गया है।
दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा, इस मामले के सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद यह उचित जान पड़ता है कि हमारे समक्ष इस संबंध में संपूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत किया जाए कि दोषी भगोड़े की गिरफ्तारी के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या प्रयास किए गए हैं। ये विवरण प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव (गृह) द्वारा निजी हलफनामे के तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा।