लखनऊ। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी के कारण हुई बच्चों की मौत के मामले में आरोपित डॉ कफील खान को बर्खास्त कर दिया गया है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील को अगस्त 2017 में आक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत के मामले में निलंबित किया गया था ।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) आलोक कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुये बताया कि विभागीय जांच में दोषी पाये जाने के बाद डॉ कफील खान को बर्खास्त कर दिया गया है। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने डॉ कफील की बर्खास्तगी को दुर्भावना से प्रेरित बताया है।
डॉ कफील को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) कार्यालय से संबद्ध किया गया था, उनका कहना है कि उन्हें बर्खास्तगी से संबंधित कोई पत्र नहीं मिला है। प्रमुख सचिव कुमार ने बताया कि यह मामला चूंकि अदालत में चल रहा है, इसलिये विभागीय जांच में बर्खास्त किए जाने के संबंध में अदालत में जानकारी दी जाएगी।
इस मामले में कांग्रेस महासचिव ने बृहस्पतिवार को ट्वीट कर कहा, ‘ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा डॉ कफील खान की बर्खास्तगी दुर्भावना से प्रेरित है । नफरती एजेंडे से प्रेरित होकर उनको प्रताड़ित करने के लिए वह यह सब कर रही हैं, लेकिन सरकार को ध्यान रखना चाहिये वह संविधान से ऊपर नहीं है। कांग्रेस पार्टी डॉ कफील की न्याय की लड़ाई में उनके साथ है और हमेशा रहेगी।’
उप्र सरकार द्वारा डॉ. कफील खान की बर्खास्तगी दुर्भावना से प्रेरित है। नफरती एजेंडा से प्रेरित सरकार उनको प्रताड़ित करने के लिए ये सब कर रही है।
लेकिन सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि वो संविधान से ऊपर नहीं है। कांग्रेस पार्टी डॉ कफील की न्याय की लड़ाई में उनके साथ है और हमेशा रहेगी। pic.twitter.com/xidIyzv3sI
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 11, 2021
गौरतलब है कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में अगस्त 2017 में आक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद 22 अगस्त को डॉ कफील को निलंबित कर दिया गया था, उनके खिलाफ जांच चल रही थी।
इस बीच गोरखपुर से प्राप्त खबर के अनुसार डा कफील ने कहा, “मुझे अब तक बर्खास्तगी का कोई पत्र नहीं मिला है। हालांकि मुझे पता चला है कि प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बुधवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज की नौकरी की समाप्ति के बारे में मीडिया को जानकारी दी है।’ उन्होंने कहा कि वह इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे ।
उन्होंने कहा,‘‘ ऑक्सीजन मामले में मुझे छोड़कर सात अन्य लोगों का निलंबन रद्द कर दिया गया है। अदालत ने इन सभी को किसी न किसी तरीके से सजा दी है लेकिन अदालत ने मुझे चिकित्सकीय लापरवाही और भ्रष्टाचार से क्लीन चिट दे दी है और इसका उल्लेख उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति वर्मा के जमानत आदेश में है।’’
डॉ कफील ने कहा,‘‘ 22 अगस्त, 2017 को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के मामले में मुझे निलंबित कर दिया गया और 5 मार्च, 2019 को उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को जांच समाप्त करने के लिए कहा और 18 अप्रैल, 2019 को उच्च न्यायालय ने मुझे क्लीन चिट दे दी।’’
डॉ कफील ने बताया कि 10 नवंबर 2021 को भी अदालत में तारीख थी लेकिन उन्होंने बर्खास्तगी के संबंध में कोई कागजात जमा नहीं किये और अब अदालत में अगली सुनवाई सात दिसंबर को होगी।