आगरा। यूपी पुलिस के रोके जाने बाद आखिरकार कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने आगरा पहुंचकर हिरासत में मारे गए अरुण के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।
सफाई कर्मचारी अरुण की पुलिस हिरासत में मौत की घटना पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उसके परिवार से मिलने के बाद कई ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और पुलिस पर निशाना साधा।
प्रियंका ने अरुण वाल्मीकि के परिवार को न्याय की मांग करते हुए अपना एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह कहती नजर आ रही हैं कि, अरुण के परिवार ने उन्हें बताया कि रविवार के दिन वाल्मीकि समाज के 17-18 लोगों को पुलिस द्वारा अलग-अलग जगह से उठाया गया। जिन्हें पुलिस थाना ले जाया गया और उनकी बेहरहमी से पिटाई की गई।
अरुण वाल्मीकि के परिवार को न्याय दो। pic.twitter.com/z1J6sJJ3BK
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 20, 2021
इसी वीडियो में प्रियंका आगे बताती हैं कि, उनकी पत्नी ने उन्हें बताया कि उनके सामने उनके पति के हाथ पैर बांधकर पीटा गया। साथ ही यह भी बताया कि उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक भी दिए गए।
वहीं इससे पहले एक ट्वीट में प्रियंका ने कहा कि,‘‘किसी को पुलिस हिरासत में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस की हिरासत में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है। मामले में उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और आरोपी पुलिस वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए तथा पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए।’’
किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है?
आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उप्र सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है
उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो व पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 20, 2021
बेहरहाल इस मामले में अब तक आगरा के जगदीशपुरा थाना के मालखाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोपी व्यक्ति की कथित रूप से पुलिस हिरासत में हुई मौत को लेकर प्रशासन ने बुधवार को पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को सफाईकर्मी की नौकरी देने का वादा किया है।
वहीं, वाल्मीकि समुदाय के लोग अरुण के मृत्यु के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं। समुदाय के स्थानीय नेताओं ने कहा है कि इस मामले में जब तक निष्पक्ष जांच शुरू नहीं होती तब तक वे ‘महर्षि वाल्मीकि जयंती” नहीं मनाएंगे।