मणिपुर में शांति के लिए रामदेव, अदानी और गोदरेज को पाम ऑयल उद्योग से बाहर करना ज़रूरी


रामदेव, अदानी और गोदरेज जैसे अपने कॉर्पोरेट मित्रों को पाम ऑयल उद्योग में अनैतिक लाभ पहुंचाने के लिए ही मणिपुर को हिंसा की आग में झोंका गया है। इसके लिए मैतेयी को कुकी के खिलाफ़ खड़ा किया गया। अब मेघालय, मिजोरम और असम तक में रह रहे मैतेयी और कुकी समुदायों के बीच तनाव पैदा किया जा रहा है।



लखनऊ। मणिपुर की हिंसा को भाजपा सरकार पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में बढ़ने देना चाहती है। मोदी सरकार इसे सामाजिक ध्रुवीकरण के औज़ार की तरह इस्तेमाल कर रही है। इसीलिए इसे रोकने की गंभीर कोशिश नहीं की जा रही है। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप के 107 वीं कड़ी में कहीं।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि रामदेव, अदानी और गोदरेज जैसे अपने कॉर्पोरेट मित्रों को पाम ऑयल उद्योग में अनैतिक लाभ पहुंचाने के लिए ही मणिपुर को हिंसा की आग में झोंका गया है। इसके लिए मैतेयी को कुकी के खिलाफ़ खड़ा किया गया। अब मेघालय, मिजोरम और असम तक में रह रहे मैतेयी और कुकी समुदायों के बीच तनाव पैदा किया जा रहा है।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि दक्षिण भारत से पूरी तरह साफ हो जाने के डर से ही भाजपा पूर्वोत्तर भारत को सांप्रदायिक और जातीय हिंसा में जला रही है। यही उसने गुजरात में भी किया था। यही गुजरात मॉडल है।

उन्होंने कहा कि आज देश के पूर्वी भाग के लोगों का मोदी सरकार की विभाजनकारी नीतियों के कारण भारतीय संस्थाओं पर से भरोसा खत्म हो रहा है। यह देश की एकता और अखंडता के लिए घातक है। मणिपुर में शांति बहाली के लिए ज़रूरी है कि पाम ऑयल उद्योग में रामदेव, अदानी और गोदरेज को दिया गया कांट्रैक्ट तत्काल खत्म किया जाए।



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