कोरोना वायरस संक्रमण से दम तोड़ने वाले पुलिस अधिकारी के परिवार को 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण जड़िया ने बताया कि निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने हालांकि संदेह जताया है कि पुलिस निरीक्षक की मौत का तात्कालिक कारण पल्मोनरी एम्बोलिज्म यानी धमनी में खून का थक्का जमने से जुड़ी समस्या है। लेकिन इस बात की भी संभावना है कि उनमें पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या कोरोना वायरस संक्रमण के कारण ही उत्पन्न हुई हो।

इंदौर। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बाद दम तोड़ने वाले 41 वर्षीय पुलिस अधिकारी के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को शोक जताया। उन्होंने दिवगंत अधिकारी के परिवार को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और उनकी पत्नी को उप निरीक्षक के पद पर सरकारी नौकरी देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर यह घोषणा की। उन्होंने कहा, “हमारी पुलिस टीम के कर्तव्यनिष्ठ सदस्य, पूर्व थाना प्रभारी और निरीक्षक ने कोरोना से जंग में कर्तव्य की बलिवेदी पर अपने प्राण न्योछावर कर दिये।” चौहान ने कहा, ” इंदौर के अरविंदो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था और कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार के बाद हाल ही में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आयी थी। यह हमारे लिये एक अच्छी खबर थी। लेकिन शनिवार देर रात अचानक ही उनकी मृत्यु हो जाने का दुःखद समाचार मिला।” मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “मैं उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। संकट की इस घड़ी में पूरा प्रदेश दिवंगत निरीक्षक के परिवार के साथ खड़ा है। शोकाकुल परिवार को राज्य शासन की ओर से सुरक्षा कवच के रूप में 50 लाख रुपये की राशि और उनकी पत्नी को पुलिस विभाग में उप निरीक्षक के पद पर नियुक्ति दी जा रही है।” निरीक्षक की मौत के बाद पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गयी है। कई लोग उन्हें “कोविड-19 योद्धा” बताकर सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक महेशचंद्र जैन ने पीटीआई को बताया कि दिवंगत पुलिस निरीक्षक कोविड-19 से संक्रमित होने से पहले शहर के जूनी इंदौर पुलिस थाने के प्रभारी के पद पर थे। जैन ने बताया, “चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस निरीक्षक की जान नहीं बचायी जा सकी। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं।” इस बीच, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने बताया कि पुलिस निरीक्षक पहली जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाये गये थे और उन्हें करीब 20 दिन पहले अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यह अलग बात है कि इलाज के बाद कोविड-19 के किसी मरीज को अस्पताल से छुट्टी देने से पहले करायी जाने वाली दो अन्य जांचों में वह कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त पाये गये थे।
उन्होंने बताया कि निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने हालांकि संदेह जताया है कि पुलिस निरीक्षक की मौत का तात्कालिक कारण पल्मोनरी एम्बोलिज्म यानी धमनी में खून का थक्का जमने से जुड़ी समस्या है। लेकिन इस बात की भी संभावना है कि उनमें पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या कोरोना वायरस संक्रमण के कारण ही उत्पन्न हुई हो।
सीएमएचओ ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस से मौत के एक अन्य मामले में 70 वर्षीय महिला ने एक निजी अस्पताल में शुक्रवार को दम तोड़ दिया। पुलिस निरीक्षक और इस महिला की मौत के साथ ही जिले में इस संक्रमण के बाद दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद बढ़कर 49 पर पहुंच गयी है।उन्होंने बताया,” हमें शहर के एक पूर्व पार्षद की भी कोरोना वायरस से मौत की जानकारी मिली है। इसकी पुष्टि के लिये उनके मेडिकल दस्तावेजों की जांच की जा रही है।”
सीएमएचओ ने बताया कि संशोधित आंकड़ों के मुताबिक जिले में इस महामारी के मरीजों की तादाद फिलहाल 890 है। आंकड़ों की गणना के मुताबिक जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर रविवार सुबह तक की स्थिति में 5.50 प्रतिशत है। जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर पिछले कई दिन से राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा बनी हुई है। इंदौर में कोरोना वायरस के मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है।

First Published on: April 20, 2020 8:42 AM
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