प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा रहा है। मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, “मौजूदा सरकार ने कहा था कि 40 करोड़ लोग आने वाले हैं, लेकिन व्यवस्था 100 करोड़ लोगों की है, लेकिन आए तो सिर्फ 40 करोड़ लोग ही हैं तो अव्यवस्था कैसे हो गई। सरकार से 5 से 10 करोड़ लोग क्यों नहीं संभाले गए।”
मीडिया से बातचीत में शंकराचार्य ने कहा, “पत्रकारों ने हमें तस्वीरें लाकर दिखाईं, लोगों पर जो कफन बंधे हुए हैं उस पर हर शव का नंबर लिखा गया है। किसी शव पर 58, किसी पर 37 तो किसी पर 64 नंबर लिखा हुआ था। 1500 लोग गायब हैं। उनको लेकर लोग परेशान हैं कि उन्हें उनके साथ वालों का पता नहीं चला।
शंकराचार्य ने कहा, “ हमारा सवाल ये नहीं है कि क्या घटना हो गई है। घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और हमारे पास रोने के अलावा कुछ नहीं है, लेकिन 18 घंटे तक सीएम योगी ने घटना को छुपाए रखा और कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें। इतनी बड़ी घटना को छिपाकर के रखा यह बहुत पीड़ाजनक बात है और इस वजह से हम अब भी उनसे आक्रोश में हैं। आपको कोई दोषी भी नहीं कह सकते, क्योंकि घटना के कारणों का पता भी नहीं चला था, लेकिन घटना को छिपाना सबसे बड़ी पीड़ा हो गई।”
शंकराचार्य ने कहा, “हम हादसे को लेकर मीडिया पर नहीं, बल्कि सीएम योगी पर भरोसा कर रहे थे, क्योंकि उनके पास सबसे सटीक जानकारी होगी। हम उनके एक्स हैंडल फॉलो कर रहे थे। सीएम ने 28 जनवरी की रात मौनी अमावस्या की बधाई दी थी, इसके बाद 8 बजे सुबह उनका ट्वीट आया कि शांतिपूर्ण स्नान हो रहा है। अफवाहों पर ध्यान ना दे। हमें लगा की सीएम के खिलाफ साजिश की जा रही है, लेकिन बड़ा धोखा दिया गया।”
घटना के दिन संगम तट पर फूल बरसाने की घटना पर भी शंकराचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा, “शर्म का विषय है, लज्जा का विषय है, जो मृत्यु हुई उसे अफवाह बता उनको अपमानित किया गया। इस पर क्या ही कहा जाए।”