लखनऊ के अस्पताल से आई पूर्वांचल के जाने-माने व्यवसायी अभिषेक की मुस्कराती तस्वीर, कंधे के नीचे लगी थी गोली

पूर्वांचल के जाने-माने व्यवसायी अभिषेक सिंह (सोनू) की मुस्कराती तस्वीर शनिवार को जब लोगों के बीच आई तो उनके चाहने वालों के चेहरे खिल उठे। दरअसल 18 जून की शाम अभिषेक (34) अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान पवनसुत आटो मोबाइल्स से रौजा स्थित चंद्रशेखर नगर कालोनी के आवास पर लौटे थे और वे अपनी लाइसेंसी पिस्टल रख रहे थे तभी उनके हथियार से अचानक फायर हो गई।

गाजीपुर। पूर्वांचल के जाने-माने व्यवसायी अभिषेक सिंह (सोनू) की मुस्कराती तस्वीर शनिवार को जब लोगों के बीच आई तो उनके चाहने वालों के चेहरे खिल उठे। दरअसल 18 जून की शाम अभिषेक (34) अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान पवनसुत आटो मोबाइल्स से रौजा स्थित चंद्रशेखर नगर कालोनी के आवास पर लौटे थे और वे अपनी लाइसेंसी पिस्टल रख रहे थे तभी उनके हथियार से अचानक फायर हो गई। जिससॆ गोली उनके बाएं कंधे के नीचे लग गई। परिजनों ने आनन-फानन में अभिषेक को गाजीपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया। वहां उनका प्राथमिक इलाज हुआ।

मिली जानकारी के मुताबिक, गोली उनके कंधे के नीचे वाले भाग से आर-पार हो गई थी। चिकित्सकों की सलाह पर उनको वाराणसी के सिंह मेडिकल रेफर कर दिया गया। जहां उनका इलाज चला। वहीं गाजीपुर जिला प्रशासन और वाराणसी जिला प्रशासन की मुस्तैदी पर अभिषेक की एंबुलेंस गाजीपुर से बनारस स्थित सिंह मेडिकल करीब डेढ़ घंटे में पहुंच गई और तत्काल उनका इलाज शुरू कर दिया गया।

हालांकि, वहां से बेहतर इलाज के लिए परिजनों ने अभिषेक को लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उनके हालत में बेहद सुधार है। शनिवार को अभिषेक के परिजनों ने एक तस्वीर लोगों से साझा की, लोगों ने अस्पताल से आई अभिषेक की तस्वीर सोशल मीडिया पर डालकर उनके खतरे से बाहर होने पर खुशी जाहिर की। अभिषेक के भतीजे अवनीश सिंह (बंटी) ने बताया, चाचा अब खतरे से बाहर हैं। उनके हालत में अच्छी सुधार हो रही है। कुछ दिनों में वे लोगों के बीच होंगे।

बता दें कि अभिषेक बेहद कम उम्र में पूर्वांचल के बड़े व्यवसायियों में गिने जाने लगे। उनके फर्म यूपी, बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों में जाना-पहचाना नाम हो गया। अभिषेक के पिता त्रिभुवन नारायण सिंह ने कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में कदम रखा था, जिसको अभिषेक ने कड़ी मेहनत से बड़े फर्म के रुप में तबदील किया। इसके साथ ही अशोक लिलैंड और हिटैची की एजेंसी शुरू करके वाहन उद्योग में कदम रखा है।

अभिषेक सामाजिक रुप से भी काफी सक्रिय हैं। 18 जून की शाम जब अभिषेक की घटना लोगों को पता चली तो लोगों में गहरी संवेदना देखने को मिली। लोग उनको खतरे से बाहर आने की दुआ करने लगे। जिला के जन प्रतिनिधियों और प्रशासन का भी बहुत सहयोग मिला। अभिषेक को बचाने की सारी जुगत में सब लग गये। आज जब उनकी मुस्कराती तस्वीर लोगों के बीच आई तो यहां लोगों का चेहरा खिल उठा।

First Published on: June 27, 2020 12:51 PM
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