
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी पर उनकी सरकारों के दौरान नोएडा से बलिया तक आठ लेन के गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया और जनता से इस स्वार्थी राजनीति से सावधान रहने की अपील की।
शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 596 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखे जाने के कुछ ही घंटों बाद बसपा प्रमुख ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने लिखा, ‘‘बसपा सरकार नोएडा से बलिया तक 8-लेन के गंगा एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली को पूर्वांचल से सीधे जोड़कर बाढ़ के साथ-साथ क्षेत्र की गरीबी, पलायन व बेरोजगारी आदि की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन तब कांग्रेस, भाजपा व सपा, इन सभी ने इसमें अड़ंगा लगाया व विरोध भी किया।’
1. बीएसपी सरकार नोएडा से बलिया तक 8-लेन के गंगा एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली को पूर्वांचल से सीेधे जोड़कर बाढ़ के साथ-साथ क्षेत्र की गरीबी, पलायन व बेरोजगारी आदि की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन तब कांग्रेस, भाजपा व सपा इन सभी ने इसमें अड़ंगा लगाया व विरोध भी किया।
— Mayawati (@Mayawati) December 18, 2021
उन्होंने लिखा है, ‘इसके बाद उत्तर प्रदेश में सपा व अब भाजपा की डबल इंजन की सरकार के भी पांच साल, यानि कुल 10 साल बीतने के बाद अब विधानसभा चुनाव के निकट आने पर गंगा एक्सप्रेस-वे को टुकड़ों में बांटकर इसका शिलान्यास हुआ है। ऐसी स्वार्थी राजनीति से जनता को कब तक छला जाएगा? चुनाव में जन सावधानी जरूरी।’
इसके पहले मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा था, ‘बसपा गरीब मेहनतकश जनता का दुख-दर्द समझती है। इसीलिए वह पूंजीपतियों के धन में विकास के बजाय देश की पूंजी में विकास चाहती है ताकि आमजन व देश का भला हो सके।’’
1. बीएसपी गरीब मेहनतकश जनता का दुख-दर्द समझती है। इसीलिए पूंजीपतियों के धन में विकास के बजाय देश की पूंजी में विकास चाहती है ताकि आमजन व देश का भला हो सके। इसी क्रम में सरकारी बैंकों के निजीकरण की समर्थक नहीं, जबकि भाजपा जल्दबाजी करके निजीकरण में ही व्यस्त, यह अति-दुखद।
— Mayawati (@Mayawati) December 18, 2021
उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘बैंकों के निजीकरण के विरुद्ध 9 लाख बैंक कर्मचारियों द्वारा अपनी वेतन कटवा कर भी 16-17 दिसंबर को की गई दो दिन की देशव्यापी हड़ताल, किसानों के आंदोलन की तरह, जुझारू व प्रेरणादायी है। सभी को अपने हक के लिए संघर्ष करना होगा। सरकार बैंक निजीकरण पर पुनर्विचार करे, बसपा की माँग।’