लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज कायम है। पूरे प्रदेश में हत्या व महिला असुरक्षा सहित जिस तरह से हर प्रकार के गंभीर अपराधों की बाढ़ आई है उससे स्पष्ट है कि यूपी में कानून का नहीं बल्कि जंगलराज चल रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से ज्यादा अपराधियों का क्राइम वायरस हावी है। जनता त्रस्त है। सरकार इस ओर ध्यान दे। वहीं, दो अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में यूपी के जंगलराज में, गाजियाबाद में अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ करने के विरोध में, पत्रकार विक्रम जोशी को गोली मारकर बुरी तरह से घायल कर दिया गया। जिनकी मृत्यु हो जाने पर दुःखी परिवार के प्रति बसपा गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती है।
उन्होंने यह भी कहा कि बसपा की मांग है कि यूपी सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को जो कुछ भी मदद करने की बात कही गई है तो उसे सरकार समय से दे और इसके लिए पीड़ित परिवार को अधिकारियों के चक्कर न काटने पड़े तो यह बेहतर होगा।
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार पर हर वर्ग त्रस्त है। सर्वजन विरोधी भाजपा सरकार में न किसान सुरक्षित हैं और न सवर्ण, पिछड़े और अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लोग। सुरक्षित है तो सिर्फ सत्ताधीशों का विशेष वर्ग, जिसे न कानून की परवाह है और न लोकलाज की।
वर्तमान सरकार में हर वर्ग त्रस्त : अखिलेश
सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार पर हर वर्ग त्रस्त है। सर्वजन विरोधी भाजपा सरकार में न किसान सुरक्षित हैं और न सवर्ण, पिछड़े और अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लोग। सुरक्षित है तो सिर्फ सत्ताधीशों का विशेष वर्ग, जिसे न कानून की परवाह है और न लोकलाज की।
अखिलेश ने आरोप लगाया कि जौनपुर में पुलिस की मौजूदगी में दबंगों ने अनुसूचित जाति के लोगों पर गोलियां बरसाईं। लाठी-डंडों से पीटा। कासगंज में दबंगों ने रेप किया और पुलिस ने पीड़िता के परिजनों का ही उत्पीड़न किया। गाजियाबाद में पत्रकार पर बदमाशों ने हमला किया। पत्रकार ने दो दिन पहले ही हमले की आशंका जताते हुए शिकायत की थी, पर पुलिस नहीं चेती।
सपा मुखिया ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों की मदद के बजाय शराब तस्करी में व्यस्त हैं। राज्य सरकार कोरोना महामारी के प्रति गंभीर नहीं है। बीस दिन से ज्यादा हो गए, चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक का पद खाली है। एंबुलेंस सेवा हांफ रही है। पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। महंगाई, बीमारी और सरकारी उदासीनता ने जिंदगी दूभर कर दी है।