माफिया डॉन छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के जारी डाक टिकट को सपा ने बताया शर्मनाक


सपा ने कहा, एक तरफ देश के गृह मंत्रालय को चौरी चौरा कांड के महानायकों को लेकर जानकारी तक नहीं है, दूसरी तरफ कानपुर में गुंडा माफियाओं के नाम पर डाक टिकट जारी हो रहे हैं। यह है न्यू इंडिया का ‘ माय स्टैम्प ‘ शर्मनाक!


मंज़ूर अहमद मंज़ूर अहमद
उत्तर प्रदेश Updated On :
फोटो में ऊपर माफिया डान मुन्ना बजरंगी और नीचे छोटा राजन, बता दें कि छोटा राजन अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में है।


कानपुर। देश में एक परम्परा बनी हुई है कि भारत के जिन विभूतियों को सम्मान देना हैं उनके नाम से भारत सरकार डाक टिकट जारी करती है, लेकिन क्या उसी प्रकार का डॉक टिकट देश के लिए नासूर बने गुंडों-माफियाओं का भी जारी हो सकता है ?

वैसे जवाब नहीं है, लेकिन अगर व्यवस्था में खामी हो तो ऐसा जरूर हो सकता है। कानपुर में यही हुआ है। यहां के प्रधान डाकघर से अंतर्राष्ट्रीय माफिया छोटा राजन और बागपत जेल में गैंगवार में मारे गए यूपी के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी के नाम के डाक टिकट जारी कर दिए गए हैं। इन माफियाओं के इन टिकटों के जरिए आप देश में कहीं भी चिट्ठी भेज सकते हैं।

खबर के अनुसार भारतीय डाक विभाग ने ‘माई स्टैंप’ योजना के तहत छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के डाक टिकट छापे हैं। इसमें पांच रुपए वाले 12 डाक टिकट छोटा राजन और 12 टिकट मुन्ना बजरंगी के हैं। डाक विभाग को इसके लिए निर्धारित 600 रुपए फीस भी अदा की गई है।

आश्चर्य यह है कि योजना के तहत टिकट छापने से पहले कई जांच पड़ताल से गुजरना पड़ता है, लेकिन इन दोनों माफियाओं के नाम से डाक टिकट जारी करने से पहले डाक विभाग के कर्माचारियों की तरफ न तो फोटो की पड़ताल की गई ना ही किसी तरह का प्रमाणपत्र मांगा गया।

ऐसे में कभी कोई अराजक तत्व देश के दुश्मनों का भी डाक टिकट छपवा सकता है। ऐसी परिस्थिति न आए इसके लिए विभाग को ‘माई स्टैंप’ योजना के नियम-कायदे सख्त करने होंगे।

अधिकारियों की लापरवाही का नजीता है यह डाक टिकट
2017 में केंद्र सरकार ने विश्व फिलैटली प्रदर्शनी के दौरान माई स्टैंप योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत 300 रुपये शुल्क जमा करके आप अपनी या अपने परिजनों की तस्वीरों वाले 12 डाक टिकट जारी करवा सकते हैं। ये डाक टिकट अन्य डाक टिकटों की तरह मान्य होते हैं।

वैसे तो सरकार ने किसी व्यक्ति के नाम से डाक टिकट जारी करने के लिए वह सब प्रावधान किया है जिससे गुंडों-माफियाओं-देश के दुश्मनों के नाम डाक टिकट नहीं छप सके। नियमों के अनुसार इन्हें बनवाने के लिए आवेदक को पासपोर्ट साइज की फोटो और पूरा ब्योरा देना पड़ता है साथ ही एक फार्म भरना पड़ता है, जिसमें व्यक्ति से पूरी जानकारी ली जाती है।

डाक टिकट केवल जीवित व्यक्ति का ही बनता है, जिसके सत्यापन के लिए उसे खुद डाक विभाग आना पड़ता है। उसे अपने साथ फोटो, आधार कार्ड, ड्राइविग लाइसेंस या वोटर आइडी लेकर आना अनिवार्य है। इनकी एक-एक फोटो कापी विभाग में जमा होती है। क्रॉस चेकिंग के बाद आवेदक की फोटो वाला डाक टिकट जारी होता है।

इतने चेक प्वाइंट्स के बावजूद एक नहीं दो-दो माफिया डॉन के डाक टिकट छपने पर पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। योजना के तहत केवल जीवित व्यक्तियों के डाक टिकट जारी हो सकते हैं।

इस डाक टिकट के छपने के लिए एक अखबार के संवाददाता ने आम ग्राहक की तरह औपचारिकताओं का पालन किया। मुन्ना बजरंगी (प्रेमप्रकाश सिंह) और छोटा राजन (राजेन्द्र एस. निखलजे) के नाम से फार्म भरा। इन दोनों की फोटो दी। अपना पहचान पत्र दिया।

डाककर्मी ने पूछा कि यह कौन हैं। एक परिचित हैं, यह बताने पर वह संतुष्ट हो गया। योजना को लोकप्रिय बनाने की जल्दबाजी में बिना छानबीन किए ही डाक विभाग ने पूरी प्रक्रिया को ताक पर रख दिया और माफियाओं के डाक टिकट छाप दिए।

पोस्ट मास्टर जनरल ने दिए जांच के आदेश
डाक विभाग के पोस्ट मास्टर जनरल वी के वर्मा का कहना है कि माई स्टाम्प डाक विभाग की योजना है। इसके तहत अपना डाक टिकट बनवाने के लिए व्यक्ति को खुद विभाग आना पड़ता है और वेबकैम के सामने फोटो खींची जाती है। आवश्यक दस्तावेज देने के बाद डाक टिकट जारी किया जाता है। किसी माफिया का डाक टिकट जारी होने की मुझे कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसी कोई जानकारी मिलती है तो उसकी जांच कराई जाएगी।

न्यू इंडिया का ‘माय स्टैम्प’ शर्मनाक!
इस मुद्दों पर समाजवादी पार्टी ने बीजेपी सरकार की न्यू इंडिया पॉलिसि पर तंज कसा है, सपा ने अपने अधिकारिक ट्विटर एकाउंट से ट्वीट कर कहा है, एक तरफ देश के गृह मंत्रालय को चौरी-चौरा कांड के महानायकों को लेकर जानकारी तक नहीं है, दूसरी तरफ कानपुर में गुंडा माफियाओं के नाम पर डाक टिकट जारी हो रहे हैं। यह है न्यू इंडिया का ‘ माय स्टैम्प ‘ शर्मनाक!
मामले की जांच करा दोषियों के ऊपर हो कठोरतम कार्रवाई।



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