लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को साफ कहा कि उनकी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश बजाज का समर्थन इसलिए किया ताकि भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के आपसी समझौते को उजागर किया जा सके।
आचार्य नरेंद्र देव की जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सोच रखने वालों ने राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थन का फैसला किया ताकि लोगों को पता चले कि भाजपा और बसपा कैसे मिले हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने स्वार्थ के लिए किसी के साथ जा सकती है और उसे उजागर करने की जरूरत है।
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए अखिलेश यादव ने गोमती रिवर फ्रंट की मौजूदा स्थिति के बारे में सवाल उठाया जिसके लिए उनकी पार्टी की सरकार ने काम किया था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के दौरान शुरू हुई लखनऊ मेट्रो परियोजना में कोई विस्तार नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि अप्रत्याशित तरीके से राज्यसभा चुनाव में मंगलवार को समाजवादी पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय प्रकाश बजाज ने नामांकन का समय समाप्त होने के कुछ ही मिनट पहले अपना नामांकन पत्र भरा था। हालांकि एक दिन बाद ही जांच के दौरान निर्वाचन अधिकारी ने उनके नामांकन पत्र को खारिज कर दिया था। उधर, बसपा उम्मीदवार रामजी वर्मा जिनके समर्थक बसपा के चार विधायकों ने अपना समर्थन वापस लिया था उनका नामांकन वैध ठहराया गया।
इस घटनाक्रम में बहुजन समाज पार्टी के सात विधायकों के अखिलेश यादव से मिलने का दावा किया गया था। हालांकि एक विधायक को छोड़कर ज्यादातर ने अखिलेश से मिलने से इनकार कर दिया। बसपा प्रमुख मायावती ने बृहस्पतिवार को सात विधायकों को निलंबित कर दिया था। इस घटना के बाद मायावती ने कहा कि वह समाजवादी पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए आने वाले विधान परिषद के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी या अन्य किसी संगठन को समर्थन दे सकती हैं।
सपा और बसपा 2019 के लोकसभा चुनाव में मिलकर लड़े थे लेकिन मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाने के अपने फ़ैसलों को भी गलती करार दिया और कहा कि उन्हें अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 1995 का मुकदमा वापस नहीं लेना चाहिए था।
आचार्य नरेंद्र देव को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद, अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि अभी तक कोरोना समाप्त नहीं हुआ है तो इस बात पर भी विचार करने की आवश्यकता है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर कैसे लौटेगी। क्या गरीब को अस्पताल में इलाज मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि महापुरुषों के रास्ता दिखाये जाने के बाद भी सरकारों ने इसका पालन नहीं किया जिससे गंभीर समस्याएं उत्पन्न हुईं।
उन्होंने कहा कि हम हर वर्ष आचार्य नरेंद्र देव द्वारा दिखाए रास्ते पर चलकर समाज और देश की सेवा का संकल्प लेते हैं। उन्होंने सरदार वल्ल्भ भाई पटेल और महर्षि बाल्मीकि को भी याद किया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने तमाम रियासतों को एक कर देश को मजबूत बनाया।