बलिया। यूपी के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल के आवास पर हंगामा करने के मामले में समाजवादी पार्टी के एक नेता और चार महिलाओं को गिरफ्तार करने के बाद रिहा कर दिया गया। पुलिस के अनुसार, बलिया शहर कोतवाली में सोमवार देर रात पांच महिलाओं एवं सपा के एक स्थानीय कार्यकर्ता के खिलाफ नामजद और 25 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि संसदीय कार्य राज्य मंत्री के निवास पर हंगामा करने के मामले में हिरासत में ली गई चार महिलाओं एवं सपा नेता धन जी यादव को पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में सोमवार रात गिरफ्तार कर सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां अदालत ने सभी को रिहा कर दिया।
अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव ने बताया कि यादव एवं पांच महिलाओं के खिलाफ नामजद और 20- 25 अज्ञात महिलाओं के सम्बंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और पुलिस मामले की छान-बीन कर रही है। जिले के टकरसन ग्राम के राबिन सिंह ने शिकायत की है कि वह ग्रामीणों की समस्या के समाधान के संबंध में शुक्ल से वार्ता करने के लिए उनके बलिया शहर कोतवाली क्षेत्र के गोपाल बिहार कॉलोनी स्थित आवासीय कार्यालय पर मौजूद थे।
आरोप है कि तभी यादव, रानी देवी, तीजी देवी, चंदा, दुर्गा देवी एवं पूनम गुप्ता ने 20-25 अन्य महिलाओं के साथ वहां आकर मंत्री से अभद्रता की और वे लोग स्कूल की वर्दी एवं पाठ्यपुस्तकों के लिए प्रति छात्र 10 हजार रुपये दिलाने की मांग करने लगे। आरोप के मुताबिक, शुक्ल ने उनसे प्रार्थना पत्र लिया तथा इस पर कार्रवाई हेतु आश्वासन देकर उनसे बैठने को कहा, जिसके बाद यादव एवं सभी महिलाएं गुस्से में बाहर निकल गई।
शिकायत के अनुसार, यादव के उकसाने पर कुछ समय बाद सभी महिलाएं फिर से आवास में घुस गईं तथा उन्होंने कार्यालय में रखी कुर्सियों, सीसीटीवी कैमरे के तार एवं स्विच तोड़ दिए तथा जान-माल के नुकसान की धमकी दी। शुक्ल ने स्थिति बिगड़ती देख महिला थाना एवं स्थानीय पुलिस को सूचित किया।
इस बीच, रानी देवी ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने भी शुक्ल एवं उनके सहयोगियों के विरुद्ध बलिया शहर कोतवाली के प्रभारी से शिकायत की है। उन्होंने शिकायत की प्रति पत्रकारों को दी। रानी देवी की शिकायत में कहा गया है कि वह महिलाओं के साथ राज्य मंत्री के आवास गईं और जब उन्होंने छात्रों की शिक्षा संबंधी बात रखनी शुरू की, तो शुक्ल आग बबूला हो गए।
उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य मंत्री के सहयोगी महिलाओं के साथ धक्का-मुक्की करने लगे और शुक्ल ने उन्हें जूते से एवं उनके सहयोगियों ने उन्हें लाठी-डंडे से पीटा। राज्य मंत्री के खिलाफ की गई शिकायत के बारे में पूछे जाने पर अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।