यूपी में अनुदानित मदरसों में बड़ी सख्ती, अब बायोमीट्रिक हाजिरी सत्यापन के बाद ही मिलेगा वेतन

उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुदानित मदरसों में शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर अब सख्ती शुरू कर दी है। मदरसा शमशुल हुदा मामले के सामने आने के बाद शासन ने पूरे सिस्टम की समीक्षा करते हुए निर्देश जारी किए हैं कि अब किसी भी शिक्षक या कर्मचारी को बिना सत्यापित उपस्थिति के वेतन नहीं मिलेगा। इसके लिए जिला स्तर पर अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उप्र मदरसा शिक्षा परिषद ने सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए साफ कहा है कि अब सभी मदरसों में बायोमीट्रिक उपस्थिति लागू कराना अनिवार्य होगा। प्रबंधन द्वारा जारी उपस्थिति प्रमाणपत्र की जांच के बाद ही वेतन जारी किया जाएगा। हाजिरी में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई तय है।

प्रदेश में कुल 561 मदरसे ऐसे हैं जिन्हें सरकार की ओर से अनुदान मिलता है। इन मदरसों में वर्तमान में 2।31 लाख से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, इन मदरसों में 9889 शिक्षक और 8367 शिक्षणेतर कर्मचारी कार्यरत हैं। बड़ी संख्या में स्टाफ होने के बावजूद, पिछले कई वर्षों से उपस्थिति और सेवा शर्तों की जांच नहीं हो पाई थी।

साल 2007 से 2017 तक कई शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवा शर्तों का सत्यापन तक नहीं हुआ। नतीजतन कई लोगों को बिना जांच के वेतन वृद्धि और पेंशन स्वीकृत होती रही। इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए अब शासन ने सभी जिलों में जांच शुरू करने का निर्देश दिया है।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों (DMO) को अब औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। वे मदरसों में जाकर प्रबंधक, प्रधानाचार्य, शिक्षक और कर्मचारियों के उपस्थिति रजिस्टर को चेक करेंगे। किसी भी व्यक्ति की मौजूदगी संदिग्ध पाई गई तो तुरंत रिपोर्ट बनाकर कार्रवाई की जाएगी।

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि 2007 से 2017 के बीच नियुक्त हुए सभी शिक्षकों व कर्मचारियों की सेवा शर्तों की जांच होगी। इसमें नियुक्ति प्रक्रिया, योग्यता, अनुभव और पुलिस सत्यापन शामिल है। विभाग ने पहले ही 2007 और 2013 की नियमावली के आधार पर वेतन संरचना तय की हुई है।

1 जनवरी 2017 से मदरसों में पढ़ रहे सभी छात्रों का रिकॉर्ड डिजिटल कर दिया गया है। मदरसा पोर्टल पर बच्चों का नाम, अभिभावक का नाम, जन्मतिथि, कक्षा, पता और मोबाइल नंबर दर्ज है। इससे छात्रों की वास्तविक संख्या और पढ़ाई की स्थिति पर निगरानी करना आसान हो गया है।

First Published on: November 17, 2025 10:46 AM
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