लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 8479.53 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के चार महीनों के लिए 1,68,903.23 करोड़ रुपये का लेखानुदान भी विधानसभा में प्रस्तुत किया।
राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के बजट पेश करने के दौरान कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक विधानसभा अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर प्रदर्शन करने लगे। ये सभी लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही पहले आधा घंटा के लिए स्थगित कर दी गयी। बाद में आधा घंटा और फिर 15 मिनट के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित की गयी।
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष के लिए 8479.53 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के चार महीनों (अप्रैल से जुलाई) के लिए 1,68,903.23 करोड़ रुपये का लेखानुदान भी विधानसभा में प्रस्तुत किया।
इससे पहले विधानसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों और 2022-23 के आय व्ययक को सदन के पटल पर रखा। खन्ना ने 2022-23 के एक भाग के लिए लेखानुदान प्रस्तुत किया।
विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित के बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11 बजे आसन पर बैठते और कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने चंदौली जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक प्रभु नारायण यादव के पुलिस उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए सदन में चर्चा कराने की मांग की। इस बीच कांग्रेस दल की नेता आराधना मिश्रा मोना केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग लेकर दल के सदस्यों के साथ अध्यक्ष के आसन के समक्ष में आकर नारेबाजी करने लगीं।
इसके बाद सपा और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के सदस्य भी आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों और 2022-23 के आय व्ययक को सदन के पटल पर रखा।
हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष दीक्षित ने 11 बजकर 17 मिनट पर विधानसभा की कार्यवाही आधा घंटा के लिए स्थगित कर दी। उसके बाद 12 बजकर 20 मिनट तक के लिये और फिर 12 बजकर 35 मिनट तक के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित की गयी।