लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती द्वारा निलंबित किये गये बसपा के बागी विधायकों ने बृहस्पतिवार को कहा कि न तो उन्हें निष्कासित किया गया है और न ही उनकी किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की कोई योजना है।
बागी विधायकों में शामिल असलम राइनी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘यह पार्टी अध्यक्ष का विशेषाधिकार है और उन्हें जो सही लगे करें लेकिन हम किसी अन्य पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं।’’
बसपा अध्यक्ष द्वारा निलंबित किये जाने के बाद पार्टी के सात विधायकों की एक बैठक आयोजित की गई।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने सुबह ही सात विधायकों असलम अली (धौलाना-हापुड), असलम राइनी (भिनगा-श्रावस्ती), मुजतबा सिद़दीकी (प्रतापपुर-प्रयागराज), हाकिम लाल बिंद (हंडिया-प्रयागराज), सुषमा पटेल (मुंगरा बादशाहपुर- जौनपुर), हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर) और वंदना सिंह (सगड़ी-आजमगढ़) को बसपा से निलंबित कर दिया।
विधायक हाकिम बिंद ने कहा, ‘‘मायावती हमारी नेता हैं और उनका फैसला हमें स्वीकार्य और स्वागत योग्य है। हमें निष्कासित नहीं, निलंबित किया गया है और हम और 15 महीने के लिए विधायक हैं। हमें मायावती, भाजपा या समाजवादी पार्टी, किससे मिलना है, यह केवल समय बताएगा।’’
सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने से इनकार करते हुए बिंद ने कहा कि उन्होंने और अन्य सदस्यों ने नामांकन पत्रों पर हस्ताक्षर नहीं किये थे इसलिए हलफ़नामा देकर विरोध किया।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने हस्ताक्षर के दुरुपयोग के लिए कानूनी कार्रवाई करेंगे तो बिंद ने कहा कि वे तभी कानूनी कार्रवाई करेंगे जब बसपा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी।
विधायक सुषमा पटेल ने अखिलेश यादव से मिलने की बात स्वीकार की और पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘मैं निलंबन का स्वागत करती हूं और हमने कोई अपराध नहीं किया है।’’
पटेल ने कहा कि राजनीति में लोग एक दूसरे से मिलते जुलते रहते हैं और राजनीति में किसी नेता से मिलना जुलना अपराध नहीं है।
सुषमा पटेल ने कहा, “मैंने न तो किसी व्हिप का उल्लंघन किया है और न ही क्रॉस वोटिंग की है। मेरी किसी पार्टी में शामिल होने की कोई योजना नहीं है।’
निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश बजाज से तालमेल के आरोपों को खारिज करते हुए विधायक असलम अली ने कहा कि बसपा के कुछ नेताओं को मौजूदा सरकार से लाभ हुआ है। उन्होंने दुख जताया कि राज्यसभा चुनाव के लिए उन लोगों को भरोसे में नहीं लिया गया और अपेक्षित संख्या के बिना ही रामजी गौतम को उम्मीदवार बना दिया गया।
इस बीच चुनाव अधिकारी द्वारा नामांकन पत्र खारिज किये जाने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करने वाले प्रकाश बजाज ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलकर उनका आभार जताया। प्रकाश बजाज ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया।
निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल करने वाले प्रकाश बजाज को समाजवादी पार्टी ने समर्थन दिया था। बजाज ने नामांकन पत्र निरस्त किये जाने के संदर्भ में अदालत जाने के सवाल पर कहा कि सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के बाद ही कोई कानूनी कार्रवाई करेंगे।
बजाज ने स्वीकार किया कि उनके नामांकन पत्र में कुछ मामूली कमियां थी लेकिन वह अस्वीकृति का आधार नहीं बन सकतीं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दो सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि उनके पास एक केवल एक सेट है जबकि हमारे पास इसके साक्ष्य हैं।’’