नोएडा की कासना कोतवाली में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के एक अहम मामले में जिला अदालत ने कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी समेत 10 दोषियों को नौ-नौ साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इन सभी पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न भरने पर दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
सजा पाए दोषियों में सुंदर भाटी, सिंहराज, विकास पंडित, योगेश, ऋषिपाल, बॉबी उर्फ शेरसिंह, सोनू, यतेन्द्र चौधरी, अनूप भाटी और दिनेश भाटी शामिल हैं। हालांकि सिंहराज और ऋषिपाल को छोड़कर बाकी आठ दोषी अपनी घोषित सजा से अधिक अवधि जेल में बिताने के कारण रिहा कर दिए गए जबकि सिंहराज और ऋषिपाल को शेष सजा पूरी करने के जेल भेजा गया है।
दरअसल ये मामला 8 फरवरी 2015 का है जब नियाना गांव में एक शादी समारोह से लौटते समय दादूपुर के ग्राम प्रधान, सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके सरकारी गनर भूदेव शर्मा पर जानलेवा हमला हुआ था। इस हमले में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि, बदमाशों में से एक जतिन खत्री भी ढेर हो गया था।
जांच में हरेंद्र नागर और सुंदर भाटी के बीच सरिया चोरी, फैक्टरी स्क्रैप और पानी सप्लाई को लेकर पुरानी रंजिश की बात सामने आई थी। वर्चस्व की इस लड़ाई के चलते ही हत्या की सुपारी दी गई थी। इसी प्रकरण में सुंदर भाटी समेत 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
अप्रैल 2021 में इसी हत्याकांड में अदालत ने सुंदर भाटी सहित 12 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट में अपील लंबित है। अक्तूबर 2024 में उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिली थी, जिसके बाद वह दिल्ली में रहने लगा।
पुलिस की ओर से आरोपपत्र दाखिल होने के बाद दोनों पक्षों की बहस चली। अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपी संगठित गिरोह बनाकर आर्थिक और भौतिक लाभ के लिए दिनदहाड़े हत्याएं करते रहे हैं, इसलिए अधिकतम सजा जरूरी है। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि अधिकांश आरोपी पहले ही अधिकतम सजा काट चुके हैं, इसलिए उन्हें रिहा किया जाए।
सुंदर भाटी का दिल्ली एनसीआर में तीन दशक का खौफनाक आपराधिक साम्राज्य रहा है। कभी बुलंदशहर का एक ट्रांसपोर्ट ठेकेदार रहा भाटी राजनीति में बढ़ते संपर्कों के बाद सुपारी किलिंग, रंगदारी और वर्चस्व वाली दुनिया में उतर गया। राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण उसका कद तेजी से बढ़ा।
पूर्वांचल की कई चर्चित हत्याओं में भी उसके गिरोह का नाम सामने आया। प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में भी भाटी का नाम उछला था। चर्चा थी कि हथियार उसकी ओर से पहुंचाए गए हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी। यूपी पुलिस द्वारा तैयार की गई 65 माफियाओं की सूची में सुंदर भाटी का नाम शामिल है।
