लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक अलग समुदाय के दो युवकों द्वारा एक नाबालिग लड़की को अवैध रूप से कैद में रखने के लिए पुलिस को आवश्यक कार्रवाई करने और 23 दिसंबर को उसके सामने पेश करने का मंगलवार को निर्देश दिया।
मामले में पुलिस की प्रतिक्रिया पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायाधीश विकास कुंवर श्रीवास्तव ने लड़की की मां सीमा मिश्रा द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर आदेश पारित किया।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि वारिस और फरीद ने उसकी 15 वर्षीय बेटी का अपहरण कर उसे अवैध रूप से कैद में रखा है। इस संबंध में लखनऊ के पारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, लेकिन आज तक उसे छुड़ाया नहीं गया है।
न्यायाधीश ने इस मामले में लखनऊ के पुलिस महानिदेशक और पुलिस आयुक्त को नाबालिग लड़की का पता लगाने और उसे 23 दिसंबर को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।
