
रामलला के भक्तों का 500 वर्षों का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है साथ ही जो राम जन्म भूमि की कार्यशाला में बंसी पहाड़पुर के पत्थर रखे थे। अब उन पत्थरों का भी इंतजार खत्म हो गया है अपने आराध्य प्रभु श्री राम के दिव्य भव्य मंदिर के गर्भ गृह में पत्थरों को लगाया जा रहा है। राम मंदिर का गर्भ ग्रह का कार्य शुरू हो गया है गर्भ गृह में बंसी पहाड़पुर के पत्थर लगाए जा रहे हैं। इन पत्थरों की पकड़ को मजबूत रखने के लिए तांबे की पत्ती का प्रयोग किया जा रहा है। पूरे मंदिर में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
ट्रस्ट की मंशा है की जनवरी 2024 के मकर संक्रांति पर भगवान राम लला अपने दिव्य भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। इसके लिए लगातार कार्यदाई संस्थाएं कार्य कर रही हैं। रामलला के मंदिर की मजबूती को लेकर के भी ट्रस्ट और कार्यदाई संस्था संवेदनशील है। सैकड़ों वर्षो प्रतीक्षारत रहने वाले इस मंदिर की आयु को लेकर भी इंजीनियर और वैज्ञानिकों से राय ली गई है। अब मंदिर की बुनियाद को सरयू की जलधारा से सुरक्षित रखने के लिए रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है।
1 जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गर्भ ग्रह की प्रथम शिला रखी और तब से ही गर्भ ग्रह का जो कार्य है वह तेज गति के साथ हो रहा है दिन-रात मजदूर मंदिर का निर्माण कार्य कर रहे हैं मंदिर निर्माण कार्य में गर्भ ग्रह का निर्माण कार्य शुरू हो गया है गर्भ ग्रह में बंसी पहाड़पुर के पत्थर लगाए जा रहे हैं और इन पत्थर को मजबूती के लिए तांबे की पत्ती का प्रयोग किया जा रहा है जिससे कि पत्थर की जो पकड़ है वह मजबूत हो सके जिसके लिए तांबे की पत्ती का प्रयोग किया जा रहा है।
राम मंदिर का गर्भ गृह का कार्य भी तेजी के साथ किया जा रहा है गर्भ ग्रह में बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थर लगाए जा रहे हैं यह पत्थर कई सौ वर्षों तक सुरक्षित रहते हैं बंसी पहाड़पुर के पत्थर राम जन्म भूमि की कार्यशाला में रखे गए थे अब उन पत्थरों को कार्यशाला से लाया जाया जा रहा है क्योंकि यह पत्थर की नकाशी होकर रखी थी।
रामलला के मंदिर के बुनियाद को सरयू की जलधारा से सुरक्षित करने वाली रिटेनिंग वॉल की तस्वीरें आप देख रहे हैं जमीन के नीचे 12 मीटर गहरी खायी जो दक्षिण और उत्तर दिशा से सरयू के जलधारा को मंदिर की बुनियाद से टकराने से रोकेगी जिससे कि मंदिर की आयु लंबी हो सकेगी। आगामी बरसात से पूर्व रिटेनिंग वाल निर्माण की प्रक्रिया को पूरा करने की है रिटेनिंग वाल का निर्माण कुछ सीमा तक हो भी गया है मोटी-मजबूत सरिया का सघन जाल गहराई तक बिछा दिया गया है।