अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान के समर्थन में आए ये BJP नेता


उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर से पूर्व सांसद और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता रितेश पांडेय ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा कर प्रोफेसर अली खान के समर्थन में अपनी बात रखी और उनकी रिहाई की मांग की। यह मामला तब चर्चा में आया, जब हरियाणा पुलिस ने प्रोफेसर अली खान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर उनकी कथित विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया।

रितेश पांडेय ने एक्स पर लिखा, “अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं प्रोफेसर अली खान को व्यक्तिगत रूप से जानता हूं, हम दोनों बहुत समय से मित्र हैं। मैं उनके परिवार से भी अच्छी तरह परिचित हूं और अभी उनके परिवार को उनकी आवश्यकता भी है। उन्होंने प्रोफेसर को एक भला और समझदार व्यक्ति बताया, जिसके राष्ट्र के प्रति समर्पण पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।”

बीजेपी नेता ने आगे लिखा, “जिस सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर प्रोफेसर के खिलाफ केस दर्ज किया गया और गिरफ्तारी हुई, उसे उन्होंने पहले ही हटा लिया था। पोस्ट में ऐसी कोई बात नहीं थी, जिसके लिए शिकायत या गिरफ्तारी की जाए। मैं यह आशा करता हूं कि प्रोफेसर अली खान के साथ शीघ्र न्याय हो। इस तरह से कार्रवाई करना न्यायसंगत नहीं है।”

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद, जो अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख हैं, पर आरोप है कि उनकी पोस्ट ने भारतीय सेना की महिला अधिकारियों का अपमान किया और सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा दिया। इस मामले में हरियाणा राज्य महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस जारी किया था। हालांकि, प्रोफेसर ने सफाई दी कि उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया और उनका उद्देश्य नागरिकों व सैनिकों की सुरक्षा पर ध्यान देना था।

इस गिरफ्तारी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सामाजिक जिम्मेदारी को लेकर बहस छेड़ दी है। कई शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर के समर्थन में आवाज उठाई है, जिसमें 1,100 से अधिक लोगों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर कर उनकी रिहाई की मांग की है। लोगों ने गिरफ्तारी को मनमाना बताते हुए लिखा है कि मध्य प्रदेश के मंत्री ने भारतीय सेना की महिला अधिकारी पर टिप्पणी हुई, उसे अभी भी गिरफ्तार नहीं किया, जबकि अली खान को एक पोस्ट के लिए गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई दोहरा रवैया है।

प्रोफेसर अली खान की गिरफ्तारी बजेपी युवा मोर्चा के योगेश जठेरी की शिकायत पर की गई, जिसके बाद राजनीतिक विवाद भी गहरा गया है। उधर अशोका यूनिवर्सिटी ने भी इस मामले में पूरी तरह पड़ताल के बाद ही कुछ कहने की बात कही है।