यह वक्त धार्मिक स्थानों पर एकत्रित होकर अव्यवस्था पैदा करने का नहीं है : एआर रहमान


संगीतकार ने कहा कि यह संदेश भारत के अस्पतालों और क्लिनिकों में काम कर रहे डॉक्टरों,नर्सों तथा सभी कर्मचारियों की बहादुरी तथा निस्वार्थ सेवा के लिए उनका शुक्रिया अदा करने के वास्ते है। यह देखकर दिल भर जाता है कि वे सबसे घातक इस महामारी से निपटने के लिए कितने तैयार हैं! वे हमारी जान बचाने के लिए अपनी जान खतरे में डालते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संकट के इस समय में व्यक्ति को अपने पड़ोसियों,वरिष्ठ नागरिकों,वंचित लोगों और प्रवासी मजदूरों की मदद करनी चाहिए।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

चेन्नई.  दिग्गज
संगीतकार एआर रहमान ने लोगों से खुद को पृथक रखने की सरकार की सलाह का पालन करने
का अनुरोध करते हुए कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर धार्मिक
स्थानों पर जुटने से ‘‘अव्यवस्था’’ पैदा होगी।

ऑस्कर
पुरस्कार विजेता ने यह अपील ऐसे समय में की है जब दिल्ली के निजामुद्दीन (पश्चिम)
में तबलीगी जमात का मरकज देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना फैलाने का केंद्र बनकर
सामने आया है। मरकज में 1 से 15 मार्च तक हुए धार्मिक आयोजन में हजारों लोगों ने भाग लिया था।

 

ईश्वर आपको
मन में है


बुधवार को
टि्वटर पर पोस्ट किए बड़े से बयान में रहमान ने लोगों से ‘‘दयालु और समझदार’’ बनने की
अपील की। उन्होंने कहा कि इश्वर आपके सबसे पवित्र धर्म स्थल आपके मन में है, इसलिए
धार्मिक स्थानों पर एकत्रित होकर यह अव्यवस्था पैदा करने का वक्त नहीं है। सरकार
की सलाह सुनिए। कुछ हफ्तों के लिए खुद को पृथक रखने से आपको कई और साल मिल सकते
हैं।
उन्होंने
कहा कि विषाणु मत फैलाइए और बाकी के लोगों को नुकसान न पहुंचाईये। यह बीमारी न
केवल आपको आगाह करती है कि आप एक माध्यम है। बल्कि यह भी मत मानिए कि आप संक्रमित
नहीं हैं। यह झूठी अफवाहों और घबराहट फैलाने का वक्त नहीं है।
रहमान ने
देश में कई जानों को बचाने के लिए इस वैश्विक महामारी से लड़ रहे स्वास्थ्य देखभाल
कर्मियों का भी आभार जताया।

 

वक्त जरूरत
मंदों की मदद करने का है


53 वर्षीय संगीतकार ने कहा कि यह संदेश भारत के अस्पतालों
और क्लिनिकों में काम कर रहे डॉक्टरों, नर्सों तथा
सभी कर्मचारियों की बहादुरी तथा निस्वार्थ सेवा के लिए उनका शुक्रिया अदा करने के
वास्ते है। यह देखकर दिल भर जाता है कि वे सबसे घातक इस महामारी से निपटने के लिए
कितने तैयार हैं! वे हमारी जान बचाने के लिए अपनी जान खतरे में डालते हैं। उन्होंने
कहा कि स्वास्थ्य संकट के इस समय में व्यक्ति को अपने पड़ोसियों, वरिष्ठ नागरिकों, वंचित
लोगों और प्रवासी मजदूरों की मदद करनी चाहिए।
रहमान ने
कहा कि यह वक्त अपने मतभेदों को भुलाने और इस अदृश्य दुश्मन के खिलाफ एकजुट होने
का है जिसने दुनिया को नीचे धकेल दिया है। यह वक्त मानवता और आध्यात्मिकता की
खूबसूरती को सामने लाने का है।



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