
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में कोरोना संक्रमित पाए गए तीन मरीजों का पता नहीं लगाया जा सका है, क्योंकि वे सैम्पल लेने के दौरान अपने बारे में फर्जी जानकारी और गलत फोन नंबर दिए थे। अब इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। रविवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारीयों के मुताबिक, उनमें से दो ने यहां एक अस्पताल के कर्मचारी होने का दावा किया था जबकि तीसरे व्यक्ति ने गलत पता दिया था। अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों की टीम शुक्रवार को साकेत कॉलोनी गयी थी और दो अन्य संक्रमितों को इलाज के लिए लाने के मकसद से शनिवार को उनके बताये गये अस्पताल में गयी थीं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण चोपडा ने कहा कि उन्होंने फर्जी जानकारी प्रदान की थी। अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी होने का दावा करने वालो दोनों व्यक्तियों में शनिवार को कोरोनो वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी वहीं एक अन्य व्यक्ति शुक्रवार को संक्रमित पाया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि जिले के अधिकारियों ने तीनों लोगों का पता लगाने के लिए तलाश शुरू की है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के बाद, अधिकारियों ने नमूना संग्रह के दौरान पते के लिए आधार कार्ड की जांच करने का निर्णय लिया है।