नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए और राजनीतिक प्रतिनिधित्व की मांग करते हुए कहा कि राजनीतिक इतिहास साफ दिखाता है कि उत्तर प्रदेश में जिस पार्टी या गठबंधन को ओबीसी का समर्थन मिलता है, वही सत्ता में आता है।
देश के राजनीतिक रूप से सबसे अहम राज्य में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के फिर से सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त पटेल ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए यह महत्वपूर्ण है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को अधिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिया जाए।
केंद्रीय मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने जिस जातिगत समीकरण को आकार दिया, उसने राजग को एक के बाद एक तीन चुनावों में भारी जीत दिलाई।
उन्होंने कहा, ‘‘अमित शाह जी ने सभी जातियों खासतौर से ओबीसी को उचित स्थान देकर जातियों का एक गुलदस्ता बनाकर उत्तर प्रदेश में बहुत खूबसूरती से काम किया।’’ पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मतदाताओं के बीच राजग की ‘‘अच्छी स्थिति’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हम पूर्ण बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाएंगे।’’
अपना दल (एस) ने 2017 के विधानसभा चुनाव में नौ सीट जीती थीं। पार्टी ने तीन चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़े हैं।
ओबीसी उम्मीदवारों को और टिकट देने की पैरवी करते हुए पटेल ने कहा, ‘‘अगर आप राजनीतिक दलों के चुनावी प्रदर्शन तथा उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने का इतिहास देखें तो पाएंगे कि ओबीसी का जिस पार्टी और गठबंधन की ओर झुकाव होता है वह राज्य में सत्ता में आता है।’’
पटेल ने कहा कि वह और उनकी पार्टी ओबीसी को अधिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने के पक्ष में रही हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा ‘‘समाज के हाशिये पर पड़े वर्गों की ओर बहुत संवेदनशील’’ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप सच में सामाजिक न्याय चाहते हैं तो ओबीसी को अधिक प्रतिनिधित्व देना चाहिए खासतौर से उत्तर प्रदेश में, जहां उनकी आबादी का एक बड़ा हिस्सा रहता है।’’
मिर्जापुर से सांसद पटेल आगामी विधानसभा चुनाव में पिछड़े समुदाय का समर्थन हासिल करने को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने कहा कि राजग का समाज के इस वर्ग के बीच अच्छा तालमेल है क्योंकि मोदी सरकार की योजनाएं गरीब समर्थक हैं तथा उनका मकसद हाशिये पर पड़े वर्गों की मदद करना है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पिछड़े वर्गों की आकांक्षाओं और आवश्यकताओं को लेकर हमेशा संवेदनशील रहे हैं तथा यह तब दिखाई दिया जब उन्होंने नीट परीक्षा की अखिल भारतीय श्रेणी में ओबीसी कोटा दिया।
भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे पर अपना दल की नेता ने कहा कि वह अभी कोई संख्या नहीं बता सकतीं लेकिन दोनों दल एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं और बातचीत चल रही है।
कुर्मी ओबीसी जाति से आने वालीं पटेल जाति आधारित जनगणना की पक्षधर रही हैं। भाजपा ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर उत्तर प्रदेश में सभी बड़े राजनीतिक दल चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं और वे ओबीसी मतदाताओं को लुभाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। राज्य की कुल आबादी के 40 प्रतिशत से अधिक लोग ओबीसी से संबंधित हैं