उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि यदि जरूरत पड़ी तो वह गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की सुरक्षा बांदा जेल में कड़ी कर देगी, ताकि उन्हें कोई क्षति न पहुंचे।
जज जस्टिस हृषिकेश रॉय और जज जस्टिस संजय करोल की पीठ अंसारी के बेटे उमर अंसारी की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने अपने पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
पीठ ने कहा, ’इस याचिका में जो मुद्दा उठाया गया है, वह जेल परिसर के भीतर हिरासत में लिए गए व्यक्ति की सुरक्षा का है।’
पीठ ने कहा, ’कैदी को उत्तर प्रदेश के बाहर स्थानांतरित करने संबंधी याचिका पर निर्देश लेने के लिए एएसजी ने कुछ समय देने का अनुरोध किया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) के। एम। नटराज ने आश्वासन दिया कि यदि जरूरत पड़ी तो सुरक्षा बढ़ाई जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें (मुख्तार) कोई क्षति न पहुंचे।’
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 16 जनवरी तय की। उमर अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता के पिता को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था।
सिब्बल ने कहा, ’आठ आरोपियों में से चार की पहले ही गोली मारकर हत्या की जा चुकी है। उनके मामले में खतरे की वास्तविक आशंका है। उनकी जान को खतरा है।’
उन्होंने कहा कि एक आरोपी की अदालत में पेशी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
एएसजी नटराज ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के किसी अन्य जेल में स्थानांतरण के अनुरोध संबंधी याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें (मुख्तार अंसारी को) सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बांदा जेल भेजा गया था।