लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर राज्य में कोरोना की जांच क्षमता को बढ़ाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को रूस से सीख लेने की सलाह दी है।
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी को भेजे पत्र में नेता प्रतिपक्ष ने लिखा है कि उप्र देश की सर्वाधिक आवादी वाला राज्य है। कोरोना संकट के दौरान 10 लाख से अधिक प्रवासी कामगार विभिन्न राज्यों से प्रदेश में वापस आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण से ग्रसित लोगों की संख्या में इजाफा होना स्वाभाविक है। प्रदेश में कोरोना जांच की क्षमता बहुत कम है। प्रतिदिन मात्र 2100 लोगों की ही जांच हो पा रही है, जिसमें से औसतन 100 लोगों में रोज कोरोना पाॅजिटिव की पुष्टि हो रही है।
चौधरी का कहना है कि यदि जांच की पर्याप्त व्यवस्था हो तो मरीजों की सही संख्या सामने आएगी और इसे भयावह स्थिति तक पहुंचने से रोका जा सकेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि जांच के मामले में उन्हें रूस से सीख लेनी चाहिए, जहां तीन सप्ताह के अंदर 33 लाख से ज्यादा टेस्ट करके लगभग एक माह में एक लाख केस उजागर किए गये। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि रूस ने अपनी इस क्षमता से पूरी दुनिया को चकित कर दिया है।
नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि उनकी जानकारी के अनुसार उप्र में अधिकारियों द्वारा जानबूझकर कोरोना से संक्रमितों की वास्तविक संख्या छिपाई जा रही है। साथ ही जांच की स्थिति भी बड़ी निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी भी मिल रही है कि वास्तविक आंकड़ों को छिपाने के लिए चुपचाप अंतिम संस्कार तक करा दिया जा रहा है। यदि ये सच है तो स्थिति बेहद खतरनाक व आत्मघाती है। कोरोना से मौतों को जो लोग छिपा रहे हैं, वे समाज के दुश्मन हैं। उन्होंने सरकार को काफी सचेत रहने की सलाह दी है।
चौधरी ने योगी सरकार पर प्रवासी श्रमिकों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले कहा था कि प्रदेश के बाहर फंसे लाखों कामगारों को निःशुल्क घर वापसी की व्यवस्था करेगी। लेकिन, दो दिन पहले रेलगाड़ियों से लाये गये श्रमिकों से तीन गुना तक किराया वसूला गया, जो बहुत ही निंदनीय है।