उत्तरप्रदेश : अनुशासनहीनता से तंग आकर भाजपा ने थमाया अपने तीन विधायकों को नोटिस


भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश ने मंगलवार को देवरिया के बरहज क्षेत्र से विधायक सुरेश तिवारी और हरदोई के गोपामऊ क्षेत्र से विधायक श्याम प्रकाश को कारण बताओ नोटिस जारी किया ।



भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश ने मंगलवार को देवरिया के बरहज क्षेत्र से विधायक सुरेश तिवारी और हरदोई के गोपामऊ क्षेत्र से विधायक श्याम प्रकाश को कारण बताओ नोटिस जारी किया । इससे पहले सीतापुर सदर के विधायक राकेश राठौर को पार्टी विरोधी काम करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश भाजपा ने अपने तीन विधायकों को नोटिस जारी किया है।
भारतीय जनता पार्टी की रीति नीति के विरुद्ध आचरण करते हुए वक्तव्य देने की शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री विद्या सागर सोनकर ने सुरेश तिवारी विधायक बरहज, देवरिया और श्याम प्रकाश विधायक गोपामऊ, हरदोई को एक सप्ताह में अपना स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं।

भाजपा विधायक सुरेश तिवारी ने दिया था विवादित बयान

भाजपा विधायक सुरेश तिवारी का विवादित बयान वाला वीडियो वायरल हुआ था । इसमें वह कहते नजर आए कि कोई भी समुदाय विशेष से सब्जी न खरीदें। इसके विरोध में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुलिस को ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की । वीडियो राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

इस बारे में सुरेश तिवारी का कहना है कि वह क्षेत्र भ्रमण के बाद नगर पालिका कार्यालय गए थे। इस दौरान लोगों ने कहा कि समुदाय विशेष के लोग सब्जी बेच रहे हैं तो थूक लगा दे रहे हैं। उन्होंने कहा – ‘मैने कहा कि इस पर तो हम रोक नहीं लगा पाएंगे, इसका रास्ता यही है कि आप लोग उनसे सब्जी न लें। मैने कोई गलत तो नहीं कहा। इसको लेकर अब लोग बात का बतंगड़ बना रहे हैं।’

विधायक श्याम प्रकाश का क्या था मामला ?

वहीं हरदोई में गोपामऊ से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कोरोना वायरस से बचाव के संसाधन जुटाने के लिए दी गई विधायक निधि वापस मांग ली । सोमवार को सीडीओ के पास पहुंचे विधायक के पत्र से सनसनी फैल गई। आनन-फानन जांच कराई गई तो पता चला कि कार्यदायी संस्था स्वास्थ्य विभाग ने जीवनरक्षक उपकरणों सहित सामग्री की आपूर्ति प्राप्त कर ली है, जिसके बाद शासन की गाइडलाइन के अनुसार काम करने की बात कही जा रही है।



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