उत्तर प्रदेश : 16 अगस्त से दो सत्रों में नौवीं से 12वीं तक के स्कूलों को खोलने के निर्देश


प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि सरकार के लिए बच्चों और शिक्षकों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। छात्रहित, सत्र को नियमित करने एवं छात्रों का शिक्षण कार्य सुनिश्चित कराने के लिए बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्त पालन सुनिश्चित कराते हुए कक्षा 09 से 12 तक के विद्यालयों को आगामी 15 अगस्त से खोले जाने का निर्णय लिया गया है।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों को 16 अगस्त से खोलने और उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों को एक सितंबर से खोलने की तैयारी किये जाने के निर्देश दिये हैं। माध्‍यमिक विद्यालयों में सोमवार से शुक्रवार तक दो सत्रों में 50-50 फीसद छात्रों की पढ़ाई होगी।

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने सोमवार को बताया कि सरकार के लिए बच्चों और शिक्षकों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। उन्होंने बताया कि छात्रहित, सत्र को नियमित करने एवं छात्रों का शिक्षण कार्य सुनिश्चित कराने के लिए बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्त पालन सुनिश्चित कराते हुए कक्षा 09 से 12 तक के विद्यालयों को आगामी 15 अगस्त से खोले जाने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने बताया कि विद्यालयों को दो पालियों में प्रातः आठ से 12 बजे तक एवं अपरान्ह साढ़े 12 बजे से साढ़े चार बजे तक खोलने का निर्णय लिया गया है। 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को प्रथम पाली में तथा शेष 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को दूसरी पाली में विद्यालय बुलाया जाएगा। इस तरह शत प्रतिशत बच्‍चों की पढ़ाई सुनिश्चित हो सकेगी।

डॉ दिनेश शर्मा ने इसके साथ ही उच्च शिक्षा विभाग के अधीन शिक्षण संस्थानों में भौतिक रूप से पठन-पाठन का कार्य प्रारंभ किए जाने के संबंध में बताया कि विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालय में स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों तथा स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के छात्रों को प्रोन्नत किया गया है अतः स्नातक द्वितीय वर्ष तथा परास्नातक द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए उच्च शिक्षण संस्थान भौतिक रूप से 15 अगस्त 2021 से खोल दिया जाएगा तथा 16 अगस्त 2021 से नियमित कक्षाएं एवं पठन-पाठन का कार्य भौतिक रूप से आरंभ किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 12वीं कक्षा का परिणाम घोषित किया जा चुका है। जो विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय 12वीं की परीक्षा के परिणाम के आधार पर प्रवेश लेते हैं उन संस्थानों में स्नातक प्रथम वर्ष का पठन-पाठन कार्य एक सितंबर 2021 से प्रारंभ किया जाएगा, इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया पांच अगस्त 2021 से प्रारंभ किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त जिन संस्थानों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश लिया जाना है उनमें स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाएं 13 सितंबर से आरंभ की जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार एवं रविवार को कोरोना कर्फ्यू होने के कारण विश्वविद्यालय/ महाविद्यालय/शिक्षण संस्थान शिक्षण कार्य हेतु सोमवार से शुक्रवार तक ही संचालित किए जाएंगे।

डॉक्टर शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु शिक्षण संस्थानों में सेनिटाइजर, हैंडवाश, थर्मल स्कैनिंग, पल्स ऑक्सीमीटर एवं प्रारंभिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने का निर्देश दिया गया है यदि किसी छात्र और शिक्षक या अन्य कर्मी को खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण हो तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए घर वापस भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘माध्यमिक और इंटरमीडिएट शिक्षण संस्थाओं के छात्र 15 अगस्त को अपने-अपने स्कूल, कॉलेजों में स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में शामिल होंगे। 16 अगस्त से कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पठन-पाठन प्रारम्भ होगा।’’

इससे पहले सूचना विभाग द्वारा जारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमण की नियंत्रित स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी शिक्षण संस्थानों में नवीन सत्र प्रारंभ करने की तैयारी की जाए। माध्यमिक और इंटरमीडिएट के परिणाम घोषित हो चुके हैं। ऐसे में स्नातक स्तर पर दाखिले की प्रक्रिया पांच अगस्त से प्रारंभ कर दी जानी चाहिए।

माध्यमिक शिक्षण संस्थानों में भी जिन विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया है, उनके दाखिले की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाए। उच्च शिक्षण संस्थानों में पठन-पाठन प्रत्येक दशा में एक सितंबर से प्रारम्भ करने की तैयारी की जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के प्रारंभ होने के साथ 18 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थियों के टीकाकरण के लिए विशेष शिविर लगाया जाना उचित होगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में पहले से ही सभी जरूरी तैयारी कर ली जाए।



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