उत्तर प्रदेश में 55 कंपनियों को सैनेटाइजर बनाने का लाइसेंस


प्रदेश सरकार ने 55 कंपनियों को लाइसेंस दिया है जिसमें 22 चीनी मिलें, नौ (शराब कारखाने) डिस्टलरीज, 22 सैनेटाइजर कंपनियां एवं दो अन्य कंपनियां हैं। इन सभी 55 कंपनियों में सैनेटाइजर का उत्पादन पिछले 15 दिन से शुरू हो चुका है और आज तक चार लाख 12हजार लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन किया जा चुका है।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सैनेटाइजर का उत्पादन बढ़ाने के लक्ष्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने 55 कंपनियों को सैनेटाइजर बनाने का लाइसेंस दिया है। इन कंपनियों में प्रतिदिन करीब 70 हजार लीटर सैनेटाइजर बनाया जा रहा है। प्रदेश में अभी तक चार लाख 12 हजार लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन हो चुका है जिसमें से कुल दो लाख सात हजार लीटर सैनेटाइजर की बाजार में आपूर्ति की जा चुकी है। 

राज्य के आबकारी एवं चीनी, गन्ना विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय भुस रेड्डी ने सोमवार को ‘भाषा’ को बताया, ‘ कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के कारण प्रदेश में अचानक सैनेटाइजर की मांग बढ़ गयी थी, इसलिये राज्य प्रशासन ने शराब कारखानों और अन्य कंपनियों को सैनेटाइजर बनाने का लाइसेंस देने का फैसला किया ताकि आम जनता को सही और गुणवत्तापूर्ण सैनेटाइजर मिल सकें।’ 

उन्होंने बताया कि सरकार ने 55 कंपनियों को लाइसेंस दिया है जिसमें 22 चीनी मिलें, नौ (शराब कारखाने) डिस्टलरीज, 22 सैनेटाइजर कंपनियां एवं दो अन्य कंपनियां हैं। इन सभी 55 कंपनियों में सैनेटाइजर का उत्पादन पिछले 15 दिन से शुरू हो चुका है और आज तक चार लाख 12 हजार लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी तक कुल दो लाख सात हजार लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन कर उसे बाजार में उपलब्ध कराया जा चुका है। 

रेड्डी ने कहा कि प्रदेश में सैनेटाइजर की कमी किसी भी हालत में नहीं होने दी जायेगी। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये डॉक्टर लोगों को बार-बार हाथों को साबुन से धोने या सैनेटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं।



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