
लखनऊ। लखनऊ हवाई अड्डे के आगमन लाउंज से शनिवार को बाहर आते वक्त हाजी मोहम्मद साजिद काफी भावुक हो उठे। वह शारजाह से एयर इंडिया के विशेष विमान से यहां पहुंचे थे। रात में लगभग 10:30 बजे यात्रियों ने हवाई अड्डे से बाहर निकलना शुरू किया। हाजी मोहम्मद साजिद ने हवाई अड्डे की जमीन को चूमा। उस समय वहां पुलिस प्रशासन के अधिकारी और मीडिया कर्मी मौजूद थे।
अयोध्या के रहने वाले हाजी मोहम्मद ने बताया कि वह पिछले दो महीने से विदेश में फंसे हुए थे। उन्हें अपने माता-पिता और देश की बहुत याद आ रही थी। उन्होंने परिवार से दोबारा मिलाने के लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा किया। साजिद विदेश में बतौर डिजाइनर काम कर रहे थे । हवाई अड्डे पर भीड़ नहीं थी। केवल कॉफी और फल की एक-एक दुकान खुली हुई थी। आगमन के बोर्ड पर केवल एक उड़ान के बारे में लिखा था और वह यही उड़ान थी जो शारजाह से आने वाली थी। हवाई अड्डे का पार्किंग एरिया भी सुनसान था।
सीआईएसएफ के जवान हालांकि आगंतुकों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे थे। एयर इंडिया की उडान से 182 भारतीय शनिवार शाम शारजाह से उत्तर लखनऊ पहुंचे। विमान चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे पर देर शाम करीब नौ बजे उतरा। हवाई अडडे के निदेशक ए के शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लखनऊ आने वाली यह पहली उडान है, जिससे विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाया गया है। विमान के पहुंचने पर यात्रियों की हवाई अडडे पर ही चिकित्सकीय जांच की गयी और उसके बाद उन्हें पृथक-वास में भेज दिया गया।
लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने पीटीआई-भाषा को बताया कि शनिवार यहां पहुंचे यात्रियों को लखनऊ में ही पृथक-वास में रखा गया है। उन्हें भुगतान वाले पृथक-वास केंद्र में रखा गया है। भुगतान वाले पृथक-वास की चार श्रेणियां हैं। अधिकतम शुल्क 2000 रूपये प्रतिदिन है जबकि कम से कम शुल्क 400 रूपये प्रतिदिन है।
अभिषेक प्रकाश ने बताया कि हमने लखनऊ के सरोजिनीनगर क्षेत्र में ईएसआई अस्पताल की पहचान की है। जिस किसी यात्री में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण पाये जाएंगे, उसे इसी अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
विमान रनवे पर उतरते समय हवाई अडडे पर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। भारत सरकार ने सोमवार को ऐलान किया था कि वह सात मई से विदेश में फंसे अपने नागरिकों को चरणबद्ध ढंग से लाना शुरू करेगी। सरकार ने कहा है कि एयर इंडिया सात मई से 13 मई के बीच 64 उडानों का संचालन करेगी और इनके जरिए लगभग 15000 भारतीयों को वापस लाया जाएगा, जो कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे हुए हैं।