वाराणसी। श्रंगार गौरी-ज्ञानवापी विवाद को एक और मोड़ देते हुए विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से संबंधित सभी मामलों का पावर ऑफ अटॉर्नी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा, “इस संबंध में एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा गया है।”
जिला सरकार के वकील (डीजीसी) आलोक चंद्र शुक्ला ने हालांकि इसे पब्लिसिटी करार दिया और कहा, “इस मामले में मुख्यमंत्री को पावर ऑफ अटॉर्नी देने का सवाल ही नहीं उठता।”
विसेन ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या मुख्यमंत्री इस प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार हैं या इस संबंध में कोई संवाद हुआ है।
उन्होंने कहा, हमने अपना प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेज दिया है। दरअसल, हमारे वकीलों ने इसके लिए कानूनी दस्तावेज तैयार करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को मुख्तारनामा देने के मकसद के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को मुख्तारनामा सौंपने से एक दिन पहले हम आपको मामले के बारे में विस्तार से बताएंगे।”
वीवीएसएस प्रमुख ने कहा, “इस संबंध में सभी कानूनी औपचारिकताएं 15 नवंबर तक पूरी कर ली जाएंगी। श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी से संबंधित लगभग सभी मामले हमारे द्वारा दर्ज किए गए थे।”
विसेन ने आगे कहा, “इन पांच मामलों की पावर ऑफ अटॉर्नी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद योगी आदित्यनाथ को सौंपी जाएगी।”