उत्तर प्रदेश में शराबबंदी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरीं महिलाएं

इस प्रदर्शन के दौरान प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के जरिए शराब के नकारात्मक प्रभावों और इसके कारण बढ़ती हिंसा को उजागर किया।

वाराणसी। शराब पीने से महिलाओं पर बढ़ती घरेलू हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ महिलाओं का आक्रोश गुरुवार को मिर्जामुराद क्षेत्र में सड़कों पर देखने को मिला। लोक समिति महिला समूह के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर बेनीपुर गाँव में दर्जनों गाँवों की महिलाएं एकजुट हुईं। नागेपुर, गनेशपुर, कल्लीपुर, मुबारकपुर, कुंडरिया और सबलपुर जैसे गांवों से आई सैकड़ों महिलाओं ने बेनीपुर बाजार में रैली निकालकर अपनी आवाज बुलंद की।

महिलाओं ने तख्तियां और बैनर हाथों में लिए नारे लगाए: “शराब पीना बंद करो, शराब बेचना बंद करो, शराब माफिया होश में आओ, शराब भगाओ प्रदेश बचाओ।”

रैली मुबारकपुर, गनेशपुर, और बेनीपुर बाजार से होते हुए पंचायत भवन तक पहुँची, जहाँ महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन कर शराबबंदी की मांग को लेकर नारेबाजी की। पंचायत भवन के सामने प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से उत्तर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की अपील की।

इस प्रदर्शन के दौरान प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के जरिए शराब के नकारात्मक प्रभावों और इसके कारण बढ़ती हिंसा को उजागर किया। इस नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया कि नशा न केवल व्यक्तिगत जीवन को बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करता है।

सभा में महिलाओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रदेश में शराब माफिया सक्रिय है। अवैध जहरीली शराब बेचकर लोगों की जिंदगी को खतरे में डाला जा रहा है। समाज का एक बड़ा वर्ग शराब की लत में डूबा हुआ है, जिससे महिलाओं को घरेलू हिंसा, उत्पीड़न, बलात्कार और मारपीट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

महिलाओं ने चेतावनी दी कि यदि प्रदेश में शराबबंदी लागू नहीं की गई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। महिलाओं ने बताया कि निर्भया दिवस के अवसर पर 16 दिसंबर को नागेपुर से तहसील राजातालाब तक शराबबंदी और घरेलू हिंसा के खिलाफ पदयात्रा निकाली जाएगी। इस पदयात्रा के समापन पर तहसील राजातालाब में बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।

लोक समिति के संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व में गांव-गांव शराबबंदी के समर्थन में अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक प्रदेश में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लग जाता।

इस धरने में निर्मला, बिंदु, सीता, गुड़िया, तारा, मंजू, हीरामनी, लालमनि, सुषमा, सरिता, इंदु, अनीता, आशा, सोनी, मनीषा, शिवकुमार, रामबचन, सुरेंद्र, अजीत, सुजीत, अजय पाल, गणेश, और प्रकाश सहित कई लोग शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन आशा राय ने किया, अध्यक्षता अनीता ने की, और नेतृत्व सोनी ने संभाला।

महिलाओं का यह आंदोलन शराब और उससे होने वाली समस्याओं के खिलाफ उनकी दृढ़ता और समाज में बदलाव की इच्छाशक्ति का प्रतीक है। उनका यह कदम प्रदेश सरकार को शराबबंदी के लिए प्रेरित करेगा।

First Published on: December 5, 2024 7:57 PM
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