व्यर्थ नहीं जाने देंगे नवरीत का बलिदान: प्रियंका


कृषि से संबंधित तीन नए कानून सरकार वापस नहीं ले रही है, लेकिन उससे भी ज्यादा गलत तो यह है कि अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करते वक्त शहीद हुए किसानों को आतंकवादी करार दिया जा रहा है और किसानों के आंदोलन को राजनीतिक साजिश के तौर पर देखा जा रहा है।



रामपुर। कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान जान गंवाने वाले नवरीत सिंह के परिजन से रामपुर में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि प्रियंका रामपुर स्थित सिंह के पैतृक गांव डिबडिबा पहुंचकर उसकी अंतिम अरदास की रस्म में शरीक हुईं।

इस दौरान प्रियंका ने कहा, कृषि से संबंधित तीन नए कानून सरकार वापस नहीं ले रही है, लेकिन उससे भी ज्यादा गलत तो यह है कि अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करते वक्त शहीद हुए किसानों को आतंकवादी करार दिया जा रहा है और किसानों के आंदोलन को राजनीतिक साजिश के तौर पर देखा जा रहा है। यह कोई राजनीतिक नहीं बल्कि सच्चा आंदोलन है।

किसी का नाम लिए बगैर कटाक्ष करते हुए कहा जो नेता दुख नहीं सुन सकता वह आखिर किस काम का है। जो भी व्यक्ति आवाज उठाता है उसे एक नाम दे दिया जाता है, मगर यह कभी नहीं कहा जाता कि आप हमारे देश के नागरिक हैं, आइए अपने दिल का दर्द हमें बताइए।

कांग्रेस महासचिव ने कहा “जुल्म करना पाप है और उसे सहना उससे भी बड़ा पाप। किसानों को आतंकवादी कहना जुल्म है। प्रियंका ने कहा कि वह पीड़ित परिजनों से कहने आई हैं कि इस दुख में वे अकेले नहीं हैं। इस देश का हर नागरिक आपके साथ खड़ा है। उनकी पार्टी पूरी तरह उनके साथ है।

प्रियंका ने जोर देकर कहा, मैं सरदार हरदीप (नवरीत के दादा) से कहना चाहती हूं कि हम उसका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे। हम तब तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे जब तक सरकार तीनों काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती। अपने इस दौरे के दौरान प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा कि लाखों किसान दिल्‍ली की सीमा पर बैठे हैं, प्रधानमंत्री को उनसे मिलने की फुरसत नहीं है।

उन्‍होंने कहा ‘‘आखिर आंदोलन स्‍थल से प्रधानमंत्री का घर कितनी दूर है? पीएम में इतना अहंकार है कि वे अपनी गाड़ी से मिलने नहीं जा सकते। किसानों ने उन्‍हें सत्ता दी है, तो क्‍या वह देने वाले के पास नहीं जाएंगे।’’

गौरतलब है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए हादसे में नवरीत सिंह की मौत हो गई थी। रामपुर पहुंचते वक्त रास्ते में हापुड़ जिले में प्रियंका के काफिले में शामिल तीन वाहन दुर्घटनावश एक-दूसरे से टकरा गये थे।



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