
लखनऊ। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड का कानपुर और लखनऊ में होने वाला निर्माण कार्य मजदूरों की भारी कमी से बुरी तरह से प्रभावित है। पहले लॉकडाउन की वजह से काम बंद था अब मजदूर नहीं मिल रहे हैं। इसलिए अन्य राज्यों से लौटे मजदूरों को काम में लगाने की कोशिश में मेट्रो की कार्यदायी संस्थाएं लगी हुई हैं।
यूपीएमआरसीएल कानपुर में मेट्रो का निर्माण करा रहा है जबकि लखनऊ में मेट्रो के डिपो के निर्माण की वजह से तोड़ी गई पीएसी की बैरक की जगह नई बैरक बनाई जा रही है। लॉडाउन के पहले दोनों स्थानों पर काम बहुत तेजी के साथ चला रहा था। कानपुर मेट्रो का काम पूरा करने के लिए दो साल का समय निर्धारित था लेकिन यूपीएमआरसीएल ने इसे डेढ़ साल में पूरी करने की तैयारी की थी। मगर अब इंजीनियरों के अरमानों पर पानी फिर गया है। पहले लॉकडाउन की वजह से काम बंद रहा अब मजदूर नहीं मिल रहे हैं। इसलिए कानपुर और लखनऊ में होने वाले सभी निर्माण कार्य बुरी तरह से प्रभावित हैं।
फिलहाल मेट्रो परियोजनाओं को लॉकडाउन की वजह से पूरा होने में अब कितना समय लगेगा इसका आंकलन नहीं हो पाया है। मेट्रो के निर्माण से जुड़े इंजीनियरों के अनुसार काम काफी समय से बंद था अब काम शुरु होने के बाद से मजदूर नहीं मिल रहे हैं। निर्माण कार्यों के लिए पूरे मजदूर कब तक आयेंगे ये भी तय नहीं है। जब तक पूरे मजदूर नहीं आ जाते तब तक काम पूरा होने की नई तिथि निर्धारित नहीं की जा सकती है।
यूपीएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने गुरुवार को बताया कि कानपुर और लखनऊ मेट्रो के होने वाले निर्माण में मजदूरों की भारी कमी है। यूपीएमआरसीएल के इंजीनियर, अधिकारी और कार्यदायी संस्थाएं काम में तेजी लाने के प्रयास में जुटी हैं। अन्य प्रदेशों से लौटे मजदूरों को काम पर लगाने का प्रयास किया जा रहा है। यदि निर्माण कार्य में लगने वाले पूरे मजदूर मिल जाते हैं तो निर्माण कार्यों में तेजी आ जाएगी।