
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 15 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इसमें प्रमुख रूप से योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1997 के अंतर्गत दो धाराओं में संशोधन किया है। इसके तहत कई तरह के जुर्माने/चालान की राशि में इजाफा कर दिया गया है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1997 के अंतर्गत दो धाराओं धारा-4 और धारा-6 में संशोधन किया गया है। इसके तहत यूपी में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों के ज्यादा से ज्यादा निर्माण करने को प्रोत्साहन देने के लिए कोशिश की गई है।
इसमें एक लाख टू व्हीलर पर रोड टैक्स पर शत-प्रतिशत छूट मिलेगी। 5 प्रतिशत रोड टैक्स जमा करना होता है। वहीं फोर व्हीलर्स के अन्य प्रकारों पर रोड टैक्स पर 75 प्रतिशत छूट दी जाएगी। उन्होंन बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा की बैठकों में पिछले साल 7 जून, 2019 में पेनाल्टी में वृद्धि की गई थी।
यूपी सरकार की तरफ से अब कुछ और वृद्धि की गई है
1. पहले पार्किग के नियम का उल्लंघन करने पर पहली बार 500 रुपए और दोबारा उल्लंघन पर 1000 रुपए जुर्माना लगता था, ये अब बढ़ाकर 500 रुपए और 1500 रुपए कर दिया गया है।
2. अधिकारी आदेश न मानना, काम में बाधा डालने पर पहले 1000 रुपए जुर्माना था, अब 2000 रुपए कर दिया गया है।
3. इसी तरह गलत तथ्य छिपाकर ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने में पहले 2500 का जुर्माना लगता था, इसे बढ़ाकर अब 10 हजार रुपये कर दिया गया है।
4. पहले गाड़ी में परिवर्तन कर उसे बेचने पर कोई जुर्माना नहीं लगता था, अब इसमें एक लाख प्रति वाहन जुर्माना लगेगा।
5. इसी तरह बिना हेलमेट का चालान 500 रुपए होता था, इसे अब 1000 रुपए कर दिया गया है।
6. फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस को रास्ता नहीं देने पर 10000 रुपए जुर्माना लगेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी, सरकार की नीयत है कि इससे लोग सुरक्षित रहेंगे। कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश के मूल निवासी, केन्द्रीय अर्द्ध सैन्यबलों/प्रदेशों के अर्द्ध सैन्यबलों तथा भारतीय सेना के (तीनों अंगो-थल, जल एवं वायु) के शहीद, जिनका परिवार उत्तर प्रदेश में निवास कर रहा हो, के परिवार को दी जा रही 25 लाख रुपये की अनुग्रह आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 50 लाख रुपये किये जाने का निर्णय लिया है।
इस निर्णय के अन्तर्गत यदि शहीद विवाहित है तथा उसके माता-पिता में से एक या दोनों जीवित हैं, तो शहीद की पत्नी एवं बच्चों को 35 लाख रुपये तथा माता-पिता अथवा उनमें से जीवित को 15 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। शहीद के विवाहित होने तथा माता-पिता में से किसी एक के भी जीवित नहीं होने की स्थिति में शहीद की पत्नी को कुल 50 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। शहीद के अविवाहित होने की स्थिति में शहीद के परिवार हेतु उसके माता-पिता अथवा उनमें से जीवित को कुल 50 लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी।
धनराशि वितरण की निर्धारित सीमाओं में विशेष परिस्थितियों में आवश्यकतानुसार छूट दी जा सकती है। लेकिन निर्धारित सीमाओं में किसी प्रकार की छूट से पूर्व गृह विभाग से उच्चादेश प्राप्त करना आवश्यक होगा। यह निर्णय 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी होगा। इस फैसले से केन्द्रीय अर्द्ध सैन्यबलों/प्रदेशों के अर्द्ध सैन्यबलों तथा भारतीय सेना के (तीनों अंगो-थल, जल एवं वायु) के अधिकारियों/कर्मचारियों के मनोबल पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा तथा शहीद के परिवार को मजबूत एवं प्रभावी सम्बल प्राप्त होगा।