योगी ने तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों के मद्देनजर ऑक्सीजन प्लांट को लेकर दिए निर्देश


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए 100 बिस्तर से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना को अनिवार्य करने के निर्देश दिये।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए 100 बिस्तर से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना को अनिवार्य करने के निर्देश दिये।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने कोविड-19 प्रबंधन के लिये गठित टीम-11 को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में पांच नए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की कार्यवाही प्रारंUभ हो गई है जिसे शीघ्रता से क्रियाशील किया जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य के दृष्टिगत 100 बिस्तर से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना को अनिवार्य किया जाए।

उन्होंने कहा कि एयर सेपरेशन यूनिट जैसी आधुनिक तकनीक को प्रोत्साहित किया जाए और प्रदेश में इसकी क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने आक्सीजन की कालाबाजारी पर प्रभावी अंकुश के निर्देश देते हुए कहा, ‘‘’सभी ऑक्सीजन प्लांट पर पुलिस सुरक्षा हो। ऑक्सीजन वाले वाहनों की जीपीएस मॉनिटरिंग की जाए।

ऑक्सीजन तथा अन्य जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकने के लिए हर संभव कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए।’ प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई सहित सभी छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों में उत्पादित होने वाली ऑक्सीजन का इस्तेमाल केवल मेडिकल कार्य के लिए हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन ऑक्सीजन प्लांट को इनके निकटतम अस्पताल से जोड़ा जाए और इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना आज ही तैयार कर ली जाए।

योगी ने कहा कि जो निजी इकाइयां ऑक्सीजन रीफिलिंग के क्षेत्र में निवेश करना चाहती हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादनकर्ताओं के लाइसेंस के स्वतः नवीनीकरण करने के संबंध में तत्काल आदेश कर दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली से प्रवासीजन की वापसी हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरते जाते की आवश्यकता है। इन प्रवासी कामगार/श्रमिक जनों के सुगमतापूर्ण आवागमन की व्यवस्था की जाए।

गृह विभाग और परिवहन विभाग समन्वय बनाकर आवश्यक कार्यवाही करें। इन प्रवासी श्रमिक जनों की जांच और आवश्यकतानुसार इलाज की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।’’



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