छुट्टा गोवंश की समस्या के समाधान के लिए योगी सरकार गंभीर

इस समस्या के स्थायी हल के प्रति योगी सरकार बेहद गंभीर है। समाधान को लेकर विचार चल रहा है। अन्य राज्यों के मॉडलों पर चर्चा हो रही है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हुए विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा आवारा (छुट्टा) गोवंशों का मुद्दा उछाला गया। खासकर ग्रमीण क्षेत्रों में विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाने का भरसक प्रयास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी रैलियों में इस समस्या के समाधान के लिए आश्वासन देना पड़ा। लिहाजा इस मुद्दे पर विपक्ष को सफलता नहीं मिली।

इस समस्या के स्थायी हल के प्रति योगी सरकार बेहद गंभीर है। समाधान को लेकर विचार चल रहा है। अन्य राज्यों के मॉडलों पर चर्चा हो रही है। हल तभी निकलेगा जब छुट्टा गोवंश के बाइप्रोडक्टस (सह उत्पाद) को स्थानीय जरूरतों के अनुसार उपयोगी बनाया जाय।

इस बाबत खादी ग्रामोद्योग विभाग ने 5000 गोवंश को मानक मानते हुए पायलट प्रोजेक्ट के रूप उ.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के द्वारा जनपद प्रयागराज की ग्राम सभा मन्दरदेह माफी में गोबर गैस प्लान्ट की स्थापना किये जाने की दिशा में कार्य प्रारम्भ किया गया है। अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो विभाग इसे पूरे प्रदेश में लागू करेगा।

उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के द्वारा प्रयागराज जिले की तहसील की ग्राम सभा मन्दरदेह माफी में गोबर गैस प्लान्ट की स्थापना कर रहा है। इसके तहत 0.573 हेक्टेयर भूमि पर गोबर गैस प्लान्ट बनाने के लिए भूमि का आवंटन बोर्ड के पक्ष हो चुका है। ग्राम सभा मन्दरदेह माफी एवं उसके पास के गांवों को जोड़कर लगभग 5000 गोवंश की उपलब्धता है ।

गोबर गैस प्लान्ट की स्थापना हेतु 0.573 हेक्टेयर भूमि का आवंटन बोर्ड के पक्ष में प्राप्त हो चुका है। ग्राम सभा मन्दरदेह माफी एवं उसके निकटस्थ गांवों को जोड़कर लगभग 5000 गोवंश की उपलब्धता है। प्रस्तावित गोबर गैस प्लान्ट से प्रतिदिन 720 क्यूविक मीटर गैस का उत्पादन होगा। गैस का उपयोग ईंधन के रूप में लगभग 637 परिवारों को प्राप्त होगा। जनरेटर के माध्यम से गैस से विद्युत ऊर्जा का उत्पादन भी किया जाएगा , जिससे गांव में ग्रामीण क्षेत्र के लोग लाभान्वित होंगे।

इसके अलावा पशु चिकित्सा संघ ने छुट्टा गोवंश की समस्या के समाधान के लिए कई सुझाव दिए हैं। संघ के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है।

गोवंश के गोबर व गोमूत्र की व्यवसायिक उत्पादों के रूप बिक्री हो। इसके लिए सहकारी समितियों के नेटवर्क का उपयोग किया जाए।हर ब्लॉक में एक आर्गेनिक विलेज स्थापित हो। वहां केवल गोबर, गोमूत्र आधारित खाद और पेस्टिसाइड उपयोग हो। स्वदेशी गाय को राजकीय विरासत पशु घोषित किया जाए। बछड़ा पैदा करने वाले सीमेन स्ट्रॉ के उपयोग को रोका जाए, इसके लिए ब्रीडिंग एक्ट बनाया जाए। गोवंश की सही संख्या के लिए रीफेड चिप का उपयोग अनिवार्य किया जाए।

अपर मुख्य सचिव उप्र खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड नवनीत सहगल का कहना है कि गोवंश के साथ किसानों की खेती को बचाना उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का संकल्प है। इस समस्या के स्थाई हल के बाबत बतौर पायलट प्रोजेक्ट बोर्ड ने यह पहल की है। यह गोवंश और खेती की सुरक्षा के साथ स्वच्छ एवं स्वास्थ्य भारत में भी मददगार बनेगी।

First Published on: March 15, 2022 12:30 PM
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