“दागदार पाटीदार” को बचाने की कोशिश कर रही योगी सरकार: लल्लू


लल्लू ने आरोप लगाया कि मणि लाल पाटीदार इससे पहले कानपुर की एक अधिकारी ने अपहरणकर्ता को फिरौती दिलवाने के नाम पर पीड़ित परिवार का घर तक बिकवा दिया था, फिर अपहरण कर्ताओं से साज़िश करके पैसा भी दिलवा दिया था और पुलिस बच्चे की जान भी नहीं बचा पाई थी।


Ritesh Mishra Ritesh Mishra
उत्तर प्रदेश Updated On :

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा महोबा के निलम्बित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार की एफआईआर रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक की याचिका ख़ारिज करने का स्वागत करते हुए कहा कि योगी सरकार इस भ्रष्ट अफसर को बचाने की कोशिशें क्यों कर रही है।

उन्होंने सवाल उठाया कि अदालत से याचिका रद्द हो जाने के बाद पुलिस अधिकारी को तुरन्त गिरफ्तार क्यों नही किया जा रहा है। अपराध और अपराधियों पर जीरो टोलरेंस का दावा करने वाली सरकार आखिर क्यों दागदार पुलिस पर मेहरबान है। कहा कि प्रदेश की योगी सरकार बताए कि खनन के अवैध कारोबार में उनके मंत्रिमंडल के कौन कौन मंत्री लिप्त हैं जिनके संरक्षण के चलते दागी पुलिस अफसर को बचाया जा रहा है।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि अब जब इलाहबाद हाई कोर्ट ने मणि लाल पाटीदार की याचिका खारिज कर दी है तो सरकार को उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर हत्या और भ्रष्टाचार की दफाओं के तहत मुक़दमा दर्ज करना चाहिए।

लल्लू ने आरोप लगाया कि मणि लाल पाटीदार इससे पहले कानपुर की एक अधिकारी ने अपहरणकर्ता को फिरौती दिलवाने के नाम पर पीड़ित परिवार का घर तक बिकवा दिया था, फिर अपहरण कर्ताओं से साज़िश करके पैसा भी दिलवा दिया था और पुलिस बच्चे की जान भी नहीं बचा पाई थी।

बताते चले कि मणि लाल पाटीदार ने महोबा के पुलिस अधीक्षक रहते कथित तौर पर खनन के ठेकेदार इंद्र मणि तिवारी से 6 लाख रुपया बतौर रंगदारी मांगा था। जिसकी उसने लिखित शिकायत भी की थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी उलटे पुलिस द्वारा उसे परेशान किया जाने लगा।

बाद में ठेकादार की खून से लथपथ लाश उनकी कार में मिली थी। जिसके बाद हत्या के आरोप में 10 सितम्बर 2020 को कोतवाली महोबा में एफआईआर दर्ज हुई थी। सरकार ने मामले की जांच SIT को सौंप दी थी। भ्रष्टाचार के आरोप में पुलिस अधीक्षक मणि लाल पाटीदार को सस्पेंड तो कर दिया गया लेकिन गिरफ्तार नहीं किया गया।



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