नेपाल बॉर्डर से सटे जिलों में चला योगी का बुलडोजर, 350 से ज्यादा अवैध स्थलों पर कार्रवाई


उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नेपाल सीमा से सटे जिलों में अवैध धार्मिक निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकारी और निजी जमीन पर बने सैकड़ों मदरसे, मस्जिदें, मजारें और ईदगाह को चिन्हित कर या तो सील किया गया है या फिर बुलडोजर से गिरा दिया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर चल रहे इस अभियान में अब तक 350 से अधिक अवैध धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की जा चुकी है।

यह कार्रवाई श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और महाराजगंज जैसे जिलों में की गई है, जो भारत-नेपाल सीमा के करीब स्थित हैं। इन इलाकों को संवेदनशील माना जाता है, और ऐसे अवैध निर्माणों के कारण सामाजिक सौहार्द और सुरक्षा व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।

सरकार का कहना है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिया है कि धर्म के नाम पर किसी भी तरह का कब्जा या अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्रावस्ती में 10 और 11 मई को 104 मदरसे, एक मस्जिद, 5 मजार और 2 ईदगाह चिन्हित किए गए। इनमें से कई को सील कर दिया गया, और एक अवैध मदरसे को गिरा भी दिया गया।

कहां कितने अवैध कब्जों पर हुई कार्रवाई

  • बहराइच में 13 मदरसे, 8 मस्जिद, 2 मजार और एक ईदगाह चिन्हित किए गए। इनमें से 11 को हटा दिया गया और 5 को सील किया गया।
  • सिद्धार्थनगर में दो दिन में 23 अवैध निर्माण पकड़े गए, जिनमें से कुछ पर कार्रवाई पूरी कर ली गई है।
  • महाराजगंज में अब तक 29 मदरसे और 5 मजार तोड़े गए हैं। एक अवैध मदरसे की चाबी थाने को सौंपी गई है।
  • लखीमपुर खीरी में 13 अवैध धार्मिक निर्माण पाए गए, जिनमें 9 को सील और 3 को गिरा दिया गया है।
  • पीलीभीत में एक अवैध मस्जिद को चिन्हित किया गया है और उसे नोटिस दिया गया है।
  • बलरामपुर में रविवार को एक निर्माणाधीन मदरसे को गिराया गया है। अब तक यहां 30 मदरसे, 10 मजार और एक ईदगाह पर कार्रवाई की जा चुकी है।

बता दें कि बीते कुछ समय में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशभर में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान तेज किया है। खासकर सीमावर्ती जिलों में चल रहे इस विशेष अभियान का उद्देश्य सुरक्षा को लेकर किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोकना है। सरकार ने साफ किया है कि यह कार्रवाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि अवैध निर्माण और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ है। प्रशासन की अपील है कि लोग स्वयं अवैध निर्माण हटा लें, अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी।



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